दिल्ली के लाला किले के पास हुए कार बम ब्लास्ट केस में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है। जम्मू-कश्मीर के बारामूला इलाके से डॉक्टर बिलाल नसीर को गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस मामले में कुल 8 आरोपियों को पकड़ा जा चुका है, जिनमें डॉ. बिलाल भी शामिल हैं।
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक, डॉ. बिलाल इस साजिश के मुख्य घटकों में से एक है। शुरुआती जांच में उसकी अहम भूमिका सामने आई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। एजेंसी का दावा है कि बिलाल ने धमाके की योजना को आगे बढ़ाने, मुख्य आरोपियों को पनाह देने और सबूत मिटाने में सीधा हाथ था।
जांच में यह भी पता चला कि डॉ. बिलाल ने मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी को पनाह दी, जो कार ब्लास्ट में मारा गया था। बिलाल ने उमर को छिपाने के साथ-साथ उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट और सुरक्षित ठिकाना भी मुहैया कराया।
एनआईए का कहना है कि बिलाल ने सबूत मिटाने की कोशिशों में भी हिस्सा लिया ताकि बाकी आरोपियों और साजिश की गहराई छिपाई जा सके।
जांच के आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारी होने की संभावना है। एजेंसी इस मामले को अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर सुलझा रही है। तकनीकी सुराग और वित्तीय लेन-देन के नए ट्रेल्स इस आतंकी नेटवर्क की व्यापकता को उजागर कर रहे हैं।
एनआईए ने बताया कि 10 नवंबर 2025 को हुए इस धमाके की योजना अचानक नहीं बनी थी, बल्कि यह एक सोची-समझी, योजनाबद्ध आतंकी कार्रवाई थी। विस्फोटक सामग्री, संपर्क नेटवर्क और विदेशी फंडिंग चैनल्स की गहन जांच जारी है, जिनका इस्तेमाल इस हमले में किया गया था।

