बिहार की सियासत में एक और धमाका हो गया है। नालंदा से राजद के पूर्व विधायक नौशादून नवी उर्फ पप्पू खान ने महागठबंधन से किनारा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में खुलकर मैदान संभाल लिया है। पप्पू खान ने साफ कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे जदयू प्रत्याशियों के लिए घर-घर जाकर वोट मांगेंगे।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पप्पू खान ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा — “तेजस्वी यादव नौवीं फेल हैं, जबकि नीतीश कुमार एक पढ़े-लिखे इंजीनियर सीएम हैं। बिहार की जनता को अब यह तय करना होगा कि राज्य की बागडोर किसे सौंपी जाए — एक विजन वाले नेता को या उस अनपढ़ को जो सिर्फ कुर्सी की राजनीति करता है।” उन्होंने कहा कि वे नीतीश कुमार के काम, सोच और ईमानदारी से प्रभावित होकर ही अब जदयू के साथ हैं।
पप्पू खान ने बीजेपी पर भी नरम रुख अपनाते हुए कहा — “अगर भाजपा देशभक्ति और देशप्रेम की बात करती है, तो इसमें गलत क्या है? हिंदू-मुस्लिम सभी को देशभक्त होना चाहिए। अगर भाजपा मुसलमानों को गले लगाएगी, तो हर मुसलमान उसे वोट देगा।”
तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश कुमार को ‘पलटू चाचा’ कहे जाने पर पप्पू खान ने पलटवार करते हुए कहा — “जब नीतीश जी बुलाते हैं, तो तेजस्वी नंगे पैर पहुंच जाते हैं। अगर चाचा पलटू हैं, तो भतीजा भी पलटू हुआ।” उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार से बेहतर एनडीए की सरकार है, क्योंकि वहां कम से कम काम होता है, न कि केवल वादे।
नालंदा और आसपास के इलाकों में पप्पू खान का प्रभाव किसी से छिपा नहीं है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि उनका यह कदम महागठबंधन के लिए बड़ा झटका और एनडीए के लिए सियासी बूस्टर साबित हो सकता है। नालंदा की सियासत में यह उलटफेर महागठबंधन के भीतर बेचैनी बढ़ा गया है — और अब सबकी नज़रें इस बात पर टिक गई हैं कि आने वाले चुनाव में पप्पू खान की यह नई चाल क्या असर दिखाती है।

