विदिशा। चार देशों की रोमांचक यात्रा पूरी करके गिद्ध ‘मारीच’ एक बार फिर हिंदुस्तान लौट आया है। मध्य प्रदेश के विदिशा और रायसेन की सीमा पर मार्च 2025 में छोड़े गए इस गिद्ध पर सोलर सेल वाली खास जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाई गई थी, जिसके जरिए उसके हर कदम पर नज़र रखी जा रही थी। घायल अवस्था में मिलने के बाद वन विभाग ने इसका इलाज किया और वापस उड़ान भरने लायक बनाया, फिर स्थानीय लोगों ने इसका नाम रखा—मारीच। और अब यही मारीच लगभग पंद्रह हजार किलोमीटर की अविश्वसनीय यात्रा करके फिर अपने देश वापस आ चुका है।
इस अद्भुत सफर में मारीच ने भारत की सीमाओं से आगे उड़ान भरी, पाकिस्तान की धरती पार की, अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों से गुज़रा, फिर उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान जैसे दूर-दराज़ के देशों की हवा को चीरते हुए उड़ता चला गया। डीएफओ हेमंत यादव के मुताबिक, हलाली डैम के पास से छोड़ा गया यह गिद्ध बारह हजार से भी ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय कर चुका है और उसका यह सफर वैज्ञानिकों के लिए बेहद कीमती डेटा लेकर आया है।
मारीच की वापसी सिर्फ एक पक्षी की वापसी नहीं है, बल्कि यह साबित करती है कि प्रकृति कितनी मजबूत, कितनी रहस्यमयी और कितनी खूबसूरत है। घायल होकर जमीन पर पड़ा एक गिद्ध, ठीक होकर आसमान में लौटता है… और फिर हजारों किलोमीटर की अनोखी यात्रा करके अपने घर वापसी करता है। यह कहानी सिर्फ एक सफर की नहीं, जिद, ज़िंदगी और आज़ादी की भी है।

