बांग्लादेश इस वक्त हिंसा की आग में जल रहा है और इसका सबसे बड़ा शिकार हिंदू समुदाय बन रहा है। शेख हसीना सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी उथल-पुथल के बीच मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कथित ईशनिंदा के आरोप में 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को भीड़ के हवाले कर दिया। युवक को पहले बेरहमी से पीटा गया, फिर बीच सड़क पर पेड़ से लटकाकर उसके शव को आग के हवाले कर दिया गया।
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन ने कार्रवाई करते हुए अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने साफ शब्दों में कहा है कि इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि सात आरोपी RAB और तीन पुलिस द्वारा पकड़े गए हैं, जिनकी उम्र 19 से 46 साल के बीच है।
इधर हालात की गंभीरता को देखते हुए सिलहट में भारतीय सहायक उच्चायोग कार्यालय और वीजा आवेदन केंद्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा बलों को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है, ताकि हादी की मौत के बाद उपजे तनाव का कोई गलत फायदा न उठा सके। इससे पहले इन इलाकों में विरोध प्रदर्शन और पथराव की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं।
मैमनसिंह जिले में हुई इस नृशंस हत्या ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंतरिम सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि नए बांग्लादेश में इस तरह की सांप्रदायिक हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि 32 वर्षीय युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की 18 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 12 दिसंबर को ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी। उनकी मौत के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे, कई जगह हिंसा, तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं हुईं, यहां तक कि भारतीय सहायक उच्चायोग के आवास पर भी हमला हुआ।
हादी का अंतिम संस्कार ढाका विश्वविद्यालय के पास भारी सुरक्षा के बीच किया गया, जहां हजारों लोगों ने नारेबाजी करते हुए गुस्से का इजहार किया। कुल मिलाकर बांग्लादेश में हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं और हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।

