भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। लेकिन इस पर चर्चा अब गुरुवार 4 दिसंबर को होगी, क्योंकि आज 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी के चलते राजधानी में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
सरकार की ओर से पेश किए गए इस द्वितीय अनुपूरक बजट में कुल 13,476.94 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। जिसमें राजस्व मद में 8,448.57 करोड़ और पूंजीगत मद में 5,028.37 करोड़ शामिल हैं। आने वाले महीनों में सरकार का सबसे बड़ा फोकस ग्रामीण विकास, पीएम आवास, लाडली बहना और किसानों को समर्थन मूल्य के भुगतान पर रहने वाला है।
इस बजट में सबसे बड़ा प्रावधान प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए किया गया है, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग के तहत 4,000 करोड़ रुपए रखे गए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में ऊपार्जन संस्थाओं को ऋण के लिए 2,000 करोड़ का प्रावधान है। वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के लिए 1,794 करोड़, और पंचायत विभाग में 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत स्थानीय निकायों को 1,633 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में भूमि अधिग्रहण और संबंधित कार्यों के लिए 650 करोड़ का प्रावधान है। नर्मदा घाटी विकास विभाग के लिए 600 करोड़ रुपए सरदार सरोवर प्रभावित क्षेत्रों और अन्य कार्यों पर, जबकि बरगी नहर व्यपवर्तन योजना के लिए 200 करोड़ और इंदिरा सागर परियोजना के लिए 94 करोड़ रखे गए हैं।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में भावांतर/फ्लेट रेट योजना हेतु 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जल संसाधन विभाग में बांध और उससे जुड़े कार्यों के लिए 300 करोड़, और बहुती क्लस्टर के लिए 63 करोड़ रखे गए हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग में भूमि अधिग्रहण क्षतिपूर्ति के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग में अमृत 2.0 के लिए विभिन्न मदों में 150 करोड़, 115 करोड़ और 100 करोड़ का प्रावधान शामिल है। स्कूल शिक्षा विभाग में पीएम जनमन (समग्र शिक्षा) के लिए 122 करोड़ और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 108 करोड़ रुपए शामिल किए गए हैं।

यह पूरा बजट सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है—ग्रामीण विकास, किसानों की सहायता, महिलाओं को सशक्तिकरण और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना।

