इछावर (सीहोर)। Christmas Special Story: मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित ऑल सेंट्स चर्च इन दिनों रोशनी, रंग और विश्वास के अद्भुत संगम के साथ दुल्हन की तरह सजा हुआ नजर आ रहा है। पुराने इंदौर-भोपाल हाईवे के किनारे स्थित यह ऐतिहासिक चर्च दूधिया सफेद और रंगीन रोशनी से जगमगा रहा है। शाम ढलते ही पूरा परिसर स्वर्गिक आभा से भर उठता है और श्रद्धालुओं के मन में आस्था और शांति का भाव जाग उठता है। इसे एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च कहा जाता है, जिसकी भव्यता और स्थापत्य कला आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
इस ऐतिहासिक चर्च का निर्माण वर्ष 1834 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने दिवंगत भाई की स्मृति में कराया था। इस इमारत को तैयार होने में पूरे 27 वर्ष लगे और यह सीवन नदी के शांत किनारे भोपाल रियासत का पहला चर्च बना। वर्ष 1860 में यहां पहली बार प्रार्थना हुई और तभी से यह चर्च मसीही समाज की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
ऑल सेंट्स चर्च की वास्तुकला स्कॉटलैंड में बने चर्च से प्रेरित है। लाल पत्थरों से बनी इसकी दीवारें और उन पर की गई नक्काशी स्कॉटलैंड की स्थापत्य शैली की याद दिलाती हैं। चारों ओर लगे बांसों के झुरमुट इस चर्च के सौंदर्य को और भी प्राकृतिक और मनोहारी बना देते हैं। हर पत्थर, हर मेहराब और हर खिड़की अपने भीतर करीब 150 वर्षों का इतिहास समेटे खड़ी है।
क्रिसमस के मौके पर यहां विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाता है। देश और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु प्रभु यीशु के जन्मोत्सव को प्रेम, शांति और सेवा के संदेश के साथ मनाने यहां पहुंचते हैं। चर्च परिसर में सजावट, रोशनी, क्रिसमस ट्री, प्रार्थनाओं की गूंज और घंटियों की मधुर ध्वनि ऐसा वातावरण रचती है, मानो धरती पर स्वर्ग उतर आया हो।
मसीह समाज के वरिष्ठ सदस्य रविंद्र सनी मसीह बताते हैं कि ऑल सेंट्स चर्च केवल एक इमारत नहीं बल्कि इतिहास, संस्कृति और विश्वास का जीवंत प्रतीक है। यह चर्च भोपाल रियासत के दौर से लेकर आज तक समाज को एक सूत्र में बांधता आया है और नई पीढ़ी को प्रेम, अनुशासन और आस्था का संदेश देता रहा है।
आज ऑल सेंट्स चर्च केवल धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सीहोर की पहचान बन चुका है। इसकी भव्यता देखने दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं। क्रिसमस पर की गई यह सजावट पूरे शहर के लिए उत्सव और सौहार्द का संदेश देती है और यह ऐतिहासिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों तक विश्वास और रोशनी फैलाती रहेगी।

