भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा विभिन्न विभागों की समीक्षा शुरू होते ही प्रदेश में राजनीतिक बयानबाज़ी चरम पर है। समीक्षा बैठक को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा हमला बोला और सवाल उठाए कि आखिर विभागों में लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों और घोटालों पर मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से इस्तीफा लेंगे या नहीं।
जीतू पटवारी ने कहा कि कृषि, सहकारिता, राजस्व, स्कूल और उच्च शिक्षा विभागों में बेहिसाब गड़बड़ियां सामने आई हैं। सड़कों और पुलों के धंसने पर क्या पीडब्ल्यूडी मंत्री से जवाबदेही तय होगी? स्मार्ट मीटरों के चलते हजारों के बिल आने पर क्या ऊर्जा मंत्री इस्तीफा देंगे? कफ सिरप और एमवाय अस्पताल की घटनाओं पर क्या स्वास्थ्य मंत्री पर कार्रवाई होगी? उन्होंने यह भी पूछा कि वित्त मंत्री की ड्रग तस्करों के साथ वायरल हुई तस्वीर पर आखिर सरकार ने उनसे क्या पूछा?
पटवारी ने बीजेपी विधायकों को चुनौती दी कि वे बिना रिश्वत लिए किसी कार्यकर्ता का काम करवाकर दिखाएं। उनका कहना था कि महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री पर खुद नियुक्तियों में रिश्वत लेने के आरोप हैं। उन्होंने घोषणा की कि अब कांग्रेस भी अपने स्तर पर विभागों की समीक्षा करेगी, क्योंकि मंत्री खुद को ईमानदार बताते हैं लेकिन हकीकत कुछ और है।
वहीं जीतू पटवारी के इन आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। अगर कांग्रेस इतनी ही जनता की हितैषी होती तो आज सत्ता में होती। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कभी जनता के हित नहीं सोचे। जबकि बीजेपी हर बार जनता के भरोसे पर खरी उतरी है और ईमानदारी से काम कर रही है।

