एमपी राजस्व विभाग का दो साल का रिपोर्ट कार्ड: फसल राहत 16 गुना बढ़ी, साइबर तहसील से बदली तस्वीर

भोपाल। मध्य प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री करण सिंह वर्मा ने विभाग के दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस दौरान राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने विभाग से जुड़े अहम आंकड़े और सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 1363 गांवों के नक्शे जीर्ण-शीर्ण स्थिति में हैं, जबकि 100 गांव ऐसे हैं जहां अब तक नक्शे बने ही नहीं थे, लेकिन अब नक्शाविहीन गांवों में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है और अगले दो वर्षों में सभी गांवों के नक्शे तैयार कर लिए जाएंगे।

फसल क्षति राहत को लेकर मंत्री और प्रमुख सचिव ने बताया कि वर्ष 2003 से पहले किसानों को प्रति हेक्टेयर केवल 2 हजार रुपये की राहत मिलती थी, जो वर्तमान सरकार में बढ़कर 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है। अब तक करीब 2 हजार करोड़ रुपये की राहत राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है और खास बात यह है कि सरकार 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर राहत दे रही है।

राजस्व विभाग ने देश में पहली बार राजस्व और गैर-राजस्व अधिकारियों के बीच स्पष्ट कार्य विभाजन किया है। साइबर तहसील की शुरुआत से नामांतरण की प्रक्रिया आसान हो गई है और अब यह काम सिर्फ 20 दिनों में पूरा हो रहा है। इस नवाचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सम्मानित भी किया है।

सरकार की स्वामित्व योजना से गांवों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में मकान होने के बावजूद बैंक लोन नहीं मिलता था, लेकिन अब संपत्ति कार्ड मिलने से ग्रामीण और पट्टेदार भी बैंक से ऋण ले पा रहे हैं। इसके साथ ही धान की फसल को अब सिंचित फसल की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, जिससे किसानों को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है।

राजस्व विभाग ने 5200 नए पटवारियों की भर्ती कर हर हल्के पर एक पटवारी की पदस्थापना सुनिश्चित की है। मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि विभाग का फोकस जनसेवा, पारदर्शिता और किसानों के हितों पर है और इन सुधारों से प्रदेश के किसान और ग्रामीण वर्ग को सीधा और बड़ा फायदा मिल रहा है।

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