बिहार चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी अपने चरम पर है और इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने महागठबंधन और उसके नेताओं पर सीधा और करारा प्रहार किया है। मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन के दल जनता की सेवा नहीं करना चाहते, बल्कि सिर्फ विरासत की रियासत चलाना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया के बाद राहुल, फिर प्रियंका—और उसी तरह मुलायम के बाद अखिलेश, फिर डिंपल—यही असली परिवारवाद है। मिश्रा यहीं नहीं रुके, उन्होंने राहुल गांधी की तुलना भस्मासुर से कर दी।
नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि साफ दिख रहा है—“2025 मोदी जी संग नीतीश, और 2025 आरजेडी फिनिश।” उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार में वोट चोरी की यात्रा निकाल रहे थे, आज जनता ने उन्हें उसी का जवाब दे दिया। मिश्रा ने कहा था कि राहुल गांधी दो अंकों में भी नहीं आएंगे और ठीक वैसा ही हुआ—कांग्रेस 10 सीटें भी हासिल नहीं कर पाई। मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि मतदान से पहले ही राहुल पचमढ़ी घूमने चले गए थे, जैसे उन्हें पहले ही अंदाज़ा था कि बिहार में उनकी दाल नहीं गलने वाली।
मिश्रा ने आगे हमला जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस की ‘भ्रम की राजनीति’ अब नहीं चलने वाली। RJD और राहुल—दोनों का सफाया हो गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिस पर हाथ रख दें, वह भस्म हो जाता है। उन्होंने तंज कसा कि पंजाब में बाढ़ आई तो राहुल मॉरीशस चले गए, कोरोना आया तो इटली चले गए, और अब लोग इन सब बातों को समझने लगे हैं। जनता ने राहुल के हर वादे को रिजेक्ट कर दिया और मोदी–नीतीश के नेतृत्व को स्वीकार किया, इसी का नतीजा है कि बिहार में तीन-चौथाई बहुमत की सरकार बनती दिख रही है।
मिश्रा ने राहुल गांधी की हाल की सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी कटाक्ष किया—मछली पकड़ना हो, पुशअप लगाना हो या टी-शर्ट में घूमना—जनता इस ‘ड्रामा’ को समझती है। उन्होंने याद दिलाया कि मध्य प्रदेश में भी ऐसे ही नतीजे आए थे, और अब बिहार में भी जनता ने साफ संदेश दे दिया है।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिहार में एससी–एसटी और पिछड़ी सीटों पर बीजेपी और जेडीयू को भारी समर्थन मिला है। देश अब जाति की राजनीति को नकार रहा है और जनता किसी भ्रम में नहीं आने वाली। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में विपक्ष फिर से EVM और वोट चोरी पर रोना शुरू कर देगा, क्योंकि यही कांग्रेस का तरीका है—राहुल के नेतृत्व पर सवाल न उठे, इसलिए EVM पर सवाल उठाओ।
अंत में मिश्रा ने कहा कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री का फैसला संसदीय बोर्ड करेगा, लेकिन जनता का संदेश साफ है—मोदी और नीतीश के नेतृत्व को भारी समर्थन मिला है और महागठबंधन पूरी तरह धराशायी हो चुका है।

