भोपाल। मध्य प्रदेश में सागर सड़क हादसे में चार पुलिस जवानों की मौत के बाद पुलिस विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक पुलिस की गैर-जरूरी यात्राओं पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सिर्फ आकस्मिक स्थितियाँ— जैसे घटनास्थल पर पहुँचना, रात की गश्त, चेकिंग या अचानक कानून-व्यवस्था बिगड़ने जैसी परिस्थितियों में ही गाड़ियाँ चलेंगी। बाकी सभी अनावश्यक वाहन संचालन पर प्रतिबंध रहेगा।
डीजीपी कैलाश मकवाणा ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि लंबी दूरी की ड्यूटी पर रवाना होने से पहले वाहन की फिटनेस, बीमा और ड्राइवर की स्वास्थ्य स्थिति अनिवार्य रूप से जांची जाए। इसके साथ ही यात्रा के दौरान बीच-बीच में पड़ने वाली पुलिस इकाइयों पर ड्राइवर को पर्याप्त आराम दिलाने की जिम्मेदारी भी तय की गई है।
गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि देर रात ड्राइविंग में वाहन चालक थक जाता है और इस वजह से दुर्घटनाओं की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन पूरी तरह फिट हो, चालक अधिकृत हो और किसी भी स्वास्थ्य समस्या से जूझ नहीं रहा हो।
हालांकि कुछ स्थितियों में छूट भी दी गई है— जैसे रात्रि गश्त, थानों की आकस्मिक विजिट, तात्कालिक घटनास्थल पर पहुँचने की आवश्यकता, कानून-व्यवस्था बिगड़ने पर तुरंत कार्रवाई और वीवीआईपी विजिट जैसी परिस्थितियाँ।
नई गाइडलाइन का उद्देश्य है पुलिस बल को सुरक्षित रखना और देर रात होने वाली दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाना।

