Bihar Elections 2025: बिहार की सियासत में एक बार फिर जुबानी तीर चल पड़े हैं। जाले विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और राज्य मंत्री जीवेश मिश्रा का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसने माहौल गरमा दिया है। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा — “जाले की किसी मां ने ऐसा बच्चा पैदा नहीं किया जो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर यहां से लड़ सके।”
उन्होंने आगे कहा — “बाहर से आकर चुनाव लड़ना ठीक है, लेकिन जब हमारा प्रभारी बेनीपुर का ब्राह्मण लड़का बन गया तो इनके पेट में दर्द हो गया।”
दरअसल, जाले सीट से कांग्रेस ने दिवंगत ललित नारायण मिश्रा के पौत्र ऋषि मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी नेता ने उन्हें “बाहरी” उम्मीदवार बताते हुए सीधा निशाना साधा और उनके खिलाफ यह तीखा बयान दे डाला।
जीवेश मिश्रा ने यहीं नहीं रुके — उन्होंने महागठबंधन पर भी तंज कसते हुए कहा, “ये लोग 243 सीटों के बदले 2000 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। इसे महागठबंधन नहीं, ‘लठबंधन’ कहना चाहिए, क्योंकि ये आपस में ही लड़ रहे हैं।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गौराबौराम विधानसभा में राजद ने अफजल अली और वीआईपी ने संतोष सहनी दोनों को टिकट दे दिया है — “तो फिर जाले में भी दो उम्मीदवारों को सिंबल दे देना चाहिए था, तभी दो-दो हाथ हो जाते।”
अब सवाल ये है कि क्या जीवेश मिश्रा का यह बयान स्थानीय वोटरों को लुभाने की रणनीति है या कांग्रेस पर सीधा हमला?
जाले सीट पर इस बार मुकाबला सिर्फ वोटों का नहीं, बल्कि स्थानीय बनाम बाहरी पहचान की लड़ाई बन चुका है।
राजनीतिक तापमान बढ़ चुका है, अब देखना यह होगा कि जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है — अनुभव वाले “बाहरी” को या तेवर वाले “स्थानीय” को।

