ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट विवाद का अंत, राव पुष्पेंद्र सिंह बने नए प्रबंध ट्रस्टी

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के प्रबंध ट्रस्टी पद को लेकर कई महीनों से चल रहा पारिवारिक विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। खंडवा की अदालत ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राव पुष्पेंद्र सिंह को मंदिर ट्रस्ट का प्रबंध ट्रस्टी घोषित कर दिया। लंबे इंतजार के बाद आए इस निर्णय के बाद पूरे ओंकारेश्वर में उत्साह का माहौल देखने को मिला।

ट्रस्टी पद खाली होने से शुरू हुआ था विवाद
पूर्व प्रबंध ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह के निधन के बाद ट्रस्टी का पद खाली हो गया था। वे पूरे 35 वर्षों तक बड़ी कुशलता से मंदिर ट्रस्ट का संचालन करते रहे। उनके निधन के बाद परिवार के अलग-अलग सदस्यों ने ट्रस्टी बनने के लिए कोर्ट का रुख किया था। लेकिन ट्रस्ट के संविधान के अनुसार राजगद्दी पर बैठे राजा को ही प्रबंध ट्रस्टी का अधिकार मिलता है, इसी आधार पर अदालत ने राव पुष्पेंद्र सिंह के पक्ष में निर्णय दिया।

सात सदस्यीय ट्रस्ट कमेटी और भव्य स्वागत
ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट की सात सदस्यीय कमेटी में राजपरिवार का प्रतिनिधि, खंडवा कलेक्टर, पुनासा SDM, जिला पंचायत CEO, जनपद पंचायत पुनासा, ओंकारेश्वर नगर परिषद के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी शामिल होते हैं। नगर आगमन पर राव पुष्पेंद्र सिंह का भव्य स्वागत किया गया। शोभायात्रा निकाली गई और उन्होंने अपने पूर्वजों की छतरी पर माथा टेककर गणपति जी और बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए।

मंदिर की छवि सुधारने और पारदर्शिता बढ़ाने का संकल्प
पत्रकारों से चर्चा में राव पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि मंदिर की छवि को और बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे। ट्रस्ट की सभी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता लाने के लिए आय-व्यय की गणना अब ऑनलाइन प्रणाली से होगी। कर्मचारियों को नियमों का पालन करने और श्रद्धालुओं के प्रति शालीन व्यवहार रखने के निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर आने वाले भक्तों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी। वहीं, पंडा संघ ने भी अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए राव साहब के हर सकारात्मक निर्णय के समर्थन की घोषणा की।

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