भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग की व्यापक समीक्षा करते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि “भवन एक, कक्षाएं अनेक” की तर्ज पर अब स्कूलों के खाली समय में वहीं पर कॉलेज की कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी। यानी एक ही भवन में स्कूल और कॉलेज—दोनों की पढ़ाई संभव हो सकेगी, जिससे सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और विद्यार्थियों को अधिक सुविधा मिलेगी।
बैठक में सीएम ने शिक्षकों की उपस्थिति पर भी कड़ा रुख अपनाया और अनुपस्थित शिक्षकों की मॉनिटरिंग के लिए नई तकनीक लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने लैपटॉप योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने, नामांकन प्रक्रिया की निगरानी और पाठ्यपुस्तक एवं साइकिल वितरण की स्थिति की जानकारी ली। बताया गया कि इस साल सरकारी स्कूलों में नामांकन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है—पिछले वर्ष की तुलना में 120 प्रतिशत तक। निजी स्कूलों की तुलना में ज्यादा बच्चों ने सरकारी स्कूलों का रुख किया है। बालिका शिक्षा, छात्रावास प्रबंधन और ड्रॉपआउट रेट में आई कमी पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की अधोसंरचना को लेकर भी समीक्षा की। हर स्कूल में विद्युतीकरण पूरा करने, शौचालय और मरम्मत कार्य को प्राथमिकता देने और नई स्वीकृतियों को समय पर लागू करने पर जोर दिया। पीएमश्री और सांदीपनि विद्यालयों में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई, और बताया गया कि अब प्रदेश की हर विधानसभा में एक सांदीपनि विद्यालय सुनिश्चित किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा को और मजबूत करने पर भी फोकस किया गया।
सीएम ने यह भी घोषणा की कि जिन विद्यालयों के प्राचार्य बेहतरीन परीक्षा परिणाम लाएंगे, उन्हें विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ती रहे और स्कूलों में उत्कृष्टता की भावना विकसित हो।

