बीना (सागर)। बीना विधानसभा सीट पर राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के सागर जिले में सियासत उस वक्त और गर्म पड़ गई, जब भाजपा की बैठक के दौरान सांसद लता वानखेड़े के एक बयान ने पूरे माहौल में नई सरगर्मी ला दी। 2023 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुँचीं निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा जॉइन तो कर लिया, लेकिन उन्होंने अब तक कांग्रेस की सदस्यता से आधिकारिक इस्तीफ़ा नहीं दिया है। इसी वजह से उन पर दल-बदल के आरोप लग रहे हैं और मामला फिलहाल हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
इसी बीच शनिवार को सागर सांसद लता वानखेड़े के बयान ने हवा में उठते उपचुनाव के कयासों को और ठोस कर दिया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीना में चुनाव होने वाला है, इसलिए सभी कमर कस लें। उनका यह बयान सीधे-सीधे इस ओर इशारा करता है कि निर्मला सप्रे जल्द ही इस्तीफ़ा दे सकती हैं, जिससे उपचुनाव लगभग तय माना जा रहा है।
2024 में राहतगढ़ में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सभा के दौरान सप्रे ने भाजपा का दामन थामा था और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार भी किया था। लेकिन कांग्रेस सदस्यता न छोड़ने से उनकी विधायकी पर सवाल खड़े हुए और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दल-बदल कानून के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई जल्द होने वाली है।
उधर शनिवार को विधायक कार्यालय में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर आयोजित बैठक में जब सांसद लता वानखेड़े पहुँचीं, तो उन्होंने साफ कहा कि जब कोई एक पार्टी से दूसरी में जाता है, तो चुनाव होना तय है। उनका यह बयान बीना में उपचुनाव की संभावनाओं को और पुख्ता करता नज़र आ रहा है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या निर्मला सप्रे जल्द इस्तीफ़ा देकर बीना की सियासत में नई पारी की शुरुआत करेंगी।

