बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने दूसरे चरण की ओर बढ़ रहा है, और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर मैदान में उतरने जा रहे हैं। 6 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी भागलपुर पहुंचेंगे, जहां हवाई अड्डा परिसर में होने वाली विशाल जनसभा में वे भागलपुर और बांका जिले की 12 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
इस रैली को एनडीए के लिए चुनावी जोश और उत्साह बढ़ाने की बड़ी रणनीति माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री भी मंच साझा करेंगे। मोदी इस मंच से जनता से एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे और विकास की नई दिशा का संदेश देंगे।
भागलपुर और बांका के जिन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होना है, वहां यह रैली माहौल को पूरी तरह एनडीए के पक्ष में मोड़ने की कोशिश करेगी। प्रशासन और पार्टी संगठन दोनों स्तरों पर तैयारियां ज़ोरों पर हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस ने एरिया डोमिनेशन शुरू कर दिया है, जबकि भाजपा और जदयू कार्यकर्ता इस रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सोमवार को तैयारियों का जायजा लिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने कहा कि यह रैली एनडीए के पक्ष में एक मजबूत संदेश देगी। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों, महिलाओं और किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिससे देश के विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ी है।
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी भागलपुर आ रहे हैं। इससे पहले इसी साल फरवरी में उन्होंने यहां से किसान सम्मान निधि की एक किस्त जारी की थी और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। अब चुनावी सीजन में उनकी यह वापसी एनडीए की जीत का शंखनाद मानी जा रही है।
भागलपुर जिले की सात सीटों पर एनडीए ने उम्मीदवार उतारे हैं — तीन सीटों पर भाजपा, तीन पर जदयू और एक पर लोजपा (रामविलास) मैदान में है। भाजपा के उम्मीदवारों में रोहित पांडे, इंजीनियर शैलेंद्र और मुरारी पासवान हैं, जबकि जदयू की ओर से बुलो मंडल, ललित नारायण मंडल और सुभानंद मुकेश चुनाव लड़ रहे हैं। नाथनगर सीट से मिथुन यादव लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह भागलपुर रैली न सिर्फ जिले की बल्कि पूरे अंग और सीमांचल क्षेत्र की राजनीति पर असर डालेगी। यह रैली एनडीए के लिए दूसरे चरण की सबसे बड़ी और निर्णायक सभा साबित हो सकती है, जो बिहार चुनाव 2025 में गठबंधन की दिशा और दशा तय कर देगी।

