लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस विषय पर ब्लेम गेम नहीं करेगा बल्कि सरकार के साथ मिलकर समाधान खोजने को तैयार है। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से पूछा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उसका अगले 4-5 साल का रोडमैप क्या है और इसे संसद में पेश करने का अनुरोध किया।
राहुल गांधी ने कहा कि हमारे अधिकांश बड़े शहर जहरीली हवा की चादर में लिपटे हुए हैं। लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, उनका भविष्य खतरे में है। लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और बुजुर्गों को सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही है। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और मैं पूरा भरोसा करता हूं कि इस पर सरकार और विपक्ष के बीच पूर्ण सहमति होगी। यह कोई वैचारिक विवाद नहीं है। सभी सदस्यों को मानना होगा कि वायु प्रदूषण और उससे होने वाले नुकसान से निपटने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने का रास्ता खोजा जाना जरूरी है। एक-दूसरे को दोष देने की बजाय सरकार और विपक्ष को मिलकर समाधान पर काम करना चाहिए। राहुल गांधी ने मांग की कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर हर शहर के लिए अलग-अलग प्रदूषण नियंत्रण योजना बनाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस दिशा में पहल करने की अपील की। राहुल गांधी ने संसद में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की भी मांग की, ताकि सत्ता पक्ष और विपक्ष एक साझा और ठोस योजना पर काम कर सकें।
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे लगता है कि बेहतर होगा कि हम चर्चा को इस तरह आगे बढ़ाएं कि न हम यह कहें कि सरकार ने क्या नहीं किया और न ही सरकार यह कहे कि विपक्ष ने क्या नहीं किया। हमें देखना चाहिए कि भविष्य में भारत के लोगों के लिए क्या किया जा सकता है और हमें कौन से कदम उठाने होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या हम एक-दूसरे पर दोषारोपण के बिना एक ऐसे मुद्दे पर सार्थक चर्चा कर सकते हैं जो हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी द्वारा उठाया गया मुद्दा बिजनेस एडवाइजरी कमिटी के संज्ञान में लाया गया है। रिजिजू ने कहा कि सरकार हमेशा विपक्ष के सुझावों को लेकर सभी महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा और समाधान निकालने के लिए तैयार रही है। अब देखा जाएगा कि इस चर्चा को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसे किस तरह व्यवस्थित किया जाए। सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।

