जबलपुर में इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के बड़े नेताओं का जमावड़ा लगने जा रहा है। 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक जबलपुर में आयोजित की जाएगी, जिसमें संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले समेत आरएसएस के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
हर साल होने वाली यह बैठक इस बार और भी खास है, क्योंकि यह संघ के शताब्दी वर्ष में आयोजित की जा रही है। आरएसएस ने जानकारी दी है कि यह बैठक दीपावली के बाद आयोजित होगी — तीन दिनों तक यानी 30 और 31 अक्टूबर से लेकर 1 नवंबर 2025 तक, जबलपुर के महाकौशल प्रांत में इसका आयोजन होगा।
इस बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के संघ चालक, कार्यवाह और प्रचारक शामिल होंगे। इसके साथ ही छह सह सरकार्यवाह और अन्य अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। यह वही कार्यकारी मंडल है जहां संघ के भविष्य की दिशा तय की जाती है और प्रमुख कार्यक्रमों की समीक्षा होती है।
नागपुर में विजयादशमी के मौके पर हाल ही में संघ के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ किया गया था, और अब जबलपुर में होने वाली यह बैठक उस वर्षभर चलने वाले अभियान की अगली बड़ी कड़ी मानी जा रही है।
बैठक में अब तक हुए कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले महीनों की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी। सभी प्रांत अपने-अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों का ब्यौरा पेश करेंगे। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के मुताबिक, बैठक में 2025-26 की वार्षिक योजना और संघ के कार्य के विस्तार पर गहन विमर्श किया जाएगा।
यानि कुल मिलाकर, जबलपुर तीन दिनों तक संघ के शीर्ष नेतृत्व की गतिविधियों का केंद्र बनने वाला है — जहां तय होगा आने वाले वर्ष में संघ किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

