भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विवादों से घिर गया। सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया कि सरकार ने विधायकों द्वारा पूछे गए मूल सवालों को बदल दिया है। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन, जयवर्धन सिंह, प्रताप ग्रेवाल, पंकज उपाध्याय और महेश परमार ने स्पीकर को पत्र लिखकर शिकायत की कि उनके सवालों में बदलाव किया गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सरकार घोटालों पर घिरी है और उनसे बचने के लिए विधायकों के सवाल बदलवा रही है।
सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार स्मार्ट मीटर जबरन लगा रही है, बिजली बिल लगातार बढ़ाए जा रहे हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बचा जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। उनका कहना है कि छोटे सत्र लोकतंत्र को कमजोर करते हैं और जनता के मुद्दों को दबाते हैं।
सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही गांधी प्रतिमा के सामने सिरप कांड को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस विधायक सेना पटेल पूतना के रूप में पहुंचीं और कहा कि बच्चों की मौत हो रही है, इसलिए यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन जरूरी था। कांग्रेस ने चेताया कि आईएएस संतोष वर्मा का मुद्दा भी सदन में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस ने सत्र को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं, उनका मकसद सिर्फ सुर्खियां बटोरना है। उन्होंने दावा किया कि किसी भी सवाल में कोई बदलाव नहीं हुआ है और विधानसभा ने इस पर स्पष्ट जवाब भी दे दिया है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को सदन की प्रक्रिया तक ठीक से नहीं पता और वह जबरन माहौल बना रही है।
इधर, किसानों के आंदोलन को लेकर भी राजनीति गर्माती दिखी। कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि धार में किसी भी तरह का आंदोलन नहीं हो रहा है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रित है।
पहले ही दिन आरोप-प्रत्यारोप, हंगामा और प्रदर्शन के साथ शीतकालीन सत्र का तापमान काफी बढ़ गया है, और आने वाले दिनों में यह गर्मी और बढ़ने की पूरी संभावना है।

