लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया रविवार को पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है और योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल की तैयारी मानी जा रही है. संकेत मिल रहे हैं कि यह फेरबदल दिसंबर महीने में ही हो सकता है, जिसके जरिए भाजपा वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय संतुलन के साथ-साथ क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश करेगी.
इस संभावित फेरबदल में भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2022 में दूसरी बार बनी एनडीए सरकार का यह दूसरा बड़ा बदलाव होगा. इससे पहले मंत्रिमंडल में पहला फेरबदल पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 5 मार्च को किया गया था.
साल 2022 में सरकार गठन के समय जातीय समीकरणों का खास ख्याल रखा गया था. उस वक्त पिछड़ा वर्ग से 20, दलित वर्ग से 8, ब्राह्मण समाज से 7, क्षत्रिय वर्ग से 6, वैश्य समाज से 4 और भूमिहार समाज से 2 मंत्रियों को जगह दी गई थी. इसके अलावा कायस्थ, सिख और मुस्लिम समाज से भी एक-एक मंत्री बनाए गए थे. मंत्रिमंडल में कुल पांच महिलाओं को शामिल किया गया था. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से रालोद के अनिल कुमार और साहिबाबाद के भाजपा विधायक सुनील शर्मा को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया था. अब एक बार फिर योगी मंत्रिमंडल के फेरबदल को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं और सबकी निगाहें आने वाले फैसलों पर टिकी हुई हैं.

