एनडीए में सीट बंटवारे पर घमासान – नीतीश नाराज, विवाद सुलझाने के लिए अमित शाह आ सकते हैं पटना

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए खेमे में सियासी हलचल तेज़ हो गई है। सीटों के बंटवारे का ऐलान तो हो गया, लेकिन अब उसी बंटवारे ने नई तकरार को जन्म दे दिया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में जदयू को मिली 101 सीटों में से 9 सीटों के बंटवारे से बेहद नाराज़ हैं और उन्होंने इन्हें स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है।

नीतीश कुमार पहले अपनी पार्टी के लिए 103 सीटों की मांग कर चुके थे, लेकिन बीजेपी नेतृत्व की ओर से तय बंटवारे में जदयू को सिर्फ 101 सीटें मिलीं। इन सीटों में से कई ऐसी हैं जो पहले लोजपा (रामविलास) के हिस्से में थीं, और अब वही विवाद की जड़ बन गई हैं। नीतीश का कहना है कि जहां जदयू की परंपरागत पकड़ रही है, वहां टिकट उनकी पार्टी के नाम ही होना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पटना पहुंच सकते हैं। हालांकि उनकी यात्रा को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता इस समय पटना में एक्टिव दिख रहे हैं, जिससे अटकलें और तेज़ हो गई हैं।

सोनबरसा सीट पर भी टकराव खुलकर सामने आ गया है। जदयू के मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है, जबकि एनडीए की साझा सूची में यह सीट लोजपा (रामविलास) को दी गई थी। सोमवार को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को पार्टी का सिंबल सौंपा, जो यह साफ संकेत देता है कि जदयू अपने फैसलों से पीछे हटने वाला नहीं है।

विवाद यहीं खत्म नहीं होता — राजगीर सीट को लेकर भी जदयू और लोजपा (रा.) के बीच तनाव बढ़ गया है। पिछली बार इस सीट से जदयू के कौशल किशोर चुनाव जीते थे, लेकिन अब इसे लोजपा (रा.) के खाते में डालने की चर्चा ने जदयू खेमे को भड़का दिया है। नीतीश कुमार ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और अपने नेताओं से साफ कहा — “यह गलती कैसे हुई, इसे तुरंत ठीक करो।”

इस पूरे विवाद के बीच सोमवार देर रात जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के आवास पर मैराथन बैठक हुई, जिसमें जदयू और बीजेपी दोनों के नेता मौजूद थे। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने अपने सहयोगियों को निर्देश दिया है कि वे इस मुद्दे पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से सीधी बात करें ताकि मामला सुलझाया जा सके।

उधर बीजेपी ने अपने काम की रफ्तार तेज़ कर दी है। पार्टी ने अब तक 48 उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है। सोमवार को ही 45 से ज्यादा प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करने का निर्देश मिला। दिलचस्प बात यह है कि पटना सिटी के विधायक नंद किशोर यादव और कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार का टिकट काट दिया गया है। कुम्हरार से अब संजय गुप्ता मैदान में होंगे, जबकि नंद किशोर यादव की जगह रत्नेश कुशवाहा का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।

इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस बार तारापुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे नामांकन दाखिल करेंगे। उनके नामांकन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। सम्राट चौधरी के भाई रोहित चौधरी ने बताया कि उस दिन करीब 15,000 समर्थक मौजूद रहेंगे और तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

वहीं, जदयू ने भी अपनी उम्मीदवार सूची लगभग तैयार कर ली है। सबसे चर्चित नाम है मोकामा से अनंत सिंह का। पार्टी ने एक बार फिर इस बाहुबली नेता पर भरोसा जताया है। 14 अक्टूबर को अनंत सिंह नामांकन दाखिल करेंगे, और इस तरह मोकामा सीट पर भी सियासी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।

बिहार की सियासत में अब माहौल गरम है — एक तरफ सीटों का बंटवारा, दूसरी तरफ नेताओं की नाराजगी, और ऊपर से अमित शाह की संभावित एंट्री। आने वाले कुछ घंटे तय करेंगे कि एनडीए में यह घमासान शांत होगा या और भड़क उठेगा।

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