भोपाल। यह कहानी है मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की… एक ऐसी घटना की, जिसने पूरे प्रदेश के दिल को हिला कर रख दिया। 6 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी के बाद आरोपी सलमान पूरे 7 दिनों तक फरार रहा… और फिर एक चाय की दुकान पर अचानक हुआ उसका अरेस्ट… और उसके बाद हाफ एनकाउंटर की पूरी कहानी आज हम आपको सुनाने वाले हैं।
21 नवंबर की रात… गौहरगंज के पांजरा इलाके में मासूम अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी 23 साल का सलमान उसे चॉकलेट दिलाने का झांसा देकर जंगल की ओर ले गया… और वही उस हैवानियत भरे कांड को अंजाम देकर भाग निकला। बच्ची रोती-बिलखती जंगल में मिली… हालत इतनी गंभीर कि उसे तुरंत भोपाल AIIMS के ICU में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार उसके प्राइवेट पार्ट्स में इतनी गहरी चोटें थीं कि कई सर्जरी करनी पड़ी, और पूरी तरह ठीक होने में अभी भी 6 महीने लग सकते हैं। मासूम आज भी दर्द से लड़ रही है… वेंटिलेटर पर है… और पूरा प्रदेश प्रार्थना कर रहा है।
उधर, घटना के बाद प्रदेश भर में गुस्सा फूट पड़ा। हिंदू संगठनों सहित आम लोग आरोपी की गिरफ्तारी और फांसी की मांग कर रहे थे। पुलिस ने सलमान पर 30 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था। सात दिनों तक यह आरोपी जंगलों और रास्तों में छिपता रहा… और आखिरकार सातवें दिन एक चाय की दुकान उसकी किस्मत का अंत बन गई।
भोपाल के गांधीनगर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 11 में एक छोटी सी चाय की दुकान पर सलमान चाय पीने पहुंचा ही था कि उसी वक्त मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे वहीं से दबोच लिया। सलमान ने पूछताछ में माना कि वह घटना के बाद जंगलों के रास्ते से भागकर भोपाल पहुंचा और लगातार छिपता रहा।
गांधीनगर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई के बाद उसे गौहरगंज पुलिस के हवाले किया और टीम उसे रायसेन ले जा रही थी। लेकिन रास्ते में पुलिस की गाड़ी का टायर अचानक पंक्चर हो गया। जैसे ही पुलिसकर्मी गाड़ी से उतरे, सलमान ने मौका देखकर वहां से भागने की कोशिश की… इतना ही नहीं, उसने पुलिसकर्मी की बंदूक छीनकर फायर करने की कोशिश भी की।
और बस यहीं से शुरू होता है उस हाफ एनकाउंटर का सच। आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की, और गोली सीधे सलमान के दाहिने पैर में जा लगी। घायल होने के बाद उसे तुरंत हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
एक तरफ अस्पताल में अपने दर्द से जूझती मासूम बच्ची… और दूसरी तरफ पुलिस की पकड़ में आया वह दरिंदा, जिसके लिए पूरे प्रदेश में सिर्फ एक ही आवाज उठ रही है—ऐसे अपराधियों को बख्शना नहीं चाहिए।
यह है वो पूरी कहानी… 7 दिन की फरारी, चाय की दुकान पर गिरफ्तारी, और भागने की कोशिश में हुआ हाफ एनकाउंटर… लेकिन इस पूरी घटना की सबसे बड़ी लड़ाई तो वह मासूम बच्ची लड़ रही है, जिसकी हिम्मत और जिंदगी अब सबकी प्रार्थनाओं पर टिकी है।

