भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में G RAM G बिल को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मनरेगा योजना पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी थी और इससे न तो मजदूरों को सही लाभ मिला और न ही गांवों का वास्तविक विकास हो पाया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा योजना करीब 20 साल पहले आई थी, उससे पहले भी कई रोजगार योजनाएं थीं जिनका स्वरूप या नाम बदलता रहा। मनरेगा में मजदूरों की जगह मशीनों और ठेकेदारों से काम कराया गया, ओवर स्टेटमेंट बने, एक ही काम को बार-बार दिखाया गया और यही कारण रहा कि यह योजना भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई।
उन्होंने कहा कि मनरेगा न तो विकास के लिए कारगर थी और न ही मजदूरों के हित में। इसी को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत के लक्ष्य के साथ G RAM G योजना लाई गई है। अब मजदूरों को रोजगार की गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दी गई है और इसके लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर बजट भी आगे बढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सहायक स्टाफ को वेतन न मिलने की लगातार शिकायतें आ रही थीं, इसलिए प्रशासनिक व्यय को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि G RAM G योजना में पूरी पारदर्शिता रहेगी और खेती के बुवाई व कटाई के समय राज्य इस योजना के कार्यों को स्थगित भी कर सकेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने संसद में विपक्ष के विरोध पर भी निशाना साधा और कहा कि जबरन हंगामा किया गया, लेकिन उन्होंने पूरी दृढ़ता के साथ अपनी बात रखी। उन्होंने पंजाब में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने की बात को असंवैधानिक और अंधविरोध करार दिया।
पंजाब को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वहां भारी भ्रष्टाचार है, आधे से ज्यादा गांवों का ऑडिट ही नहीं हुआ और मजदूरों का कहना है कि उन्हें समय पर भुगतान तक नहीं मिलता, लेकिन भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ नेता कल्पना लोक में रहते हैं, देश की वास्तविकता से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तारीफ करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीएम मोहन यादव बहुत तेज गति से काम कर रहे हैं और उनमें मुझसे भी ज्यादा ऊर्जा है। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

