मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के लिए आज का दिन ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है, क्योंकि वर्षों से जिसका इंतज़ार था… वह सपना अब हक़ीक़त बनने के बेहद करीब पहुंच चुका है। जी हाँ, सिंगरौली में अब 72 सीटर विमान उतरने की तैयारी शुरू हो चुकी है, और हवाई सेवा का रास्ता लगभग साफ नज़र आ रहा है।
AAI टीम का बड़ा निरीक्षण
सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विशेष प्रयासों के बीच, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण—यानी AAI की विशेषज्ञ टीम—आज सिंगरौलिया हवाई पट्टी पर पहुंची। कलेक्टर गौरव बैनल ने टीम के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र का गहन निरीक्षण कराया। टीम ने रनवे की लंबाई, चौड़ाई, सुरक्षा मानकों, एटीसी की संभावनाओं, फायर स्टेशन व्यवस्था, बाउंड्री वॉल की ऊँचाई और रनवे क्षमता जैसे अत्यंत तकनीकी पहलुओं का विस्तार से परीक्षण किया।
प्रारंभिक रिपोर्ट से मिली हरी झंडी
निरीक्षण के बाद टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संकेत साफ मिले हैं कि सिंगरौली की हवाई पट्टी बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए उपयुक्त है। इसके साथ ही OLS सर्वे की तैयारी शुरू करने पर सहमति भी बन चुकी है। यह सर्वे पूरी तरह वैज्ञानिक और डेटा-ड्रिवन पद्धति से किया जाएगा, जिसकी निगरानी सभी संबंधित विभाग मिलकर करेंगे, ताकि प्रक्रिया में कोई देरी न हो।
सिंगरौली में बढ़ी उम्मीदें
जैसे ही शुरुआती जांच में पॉज़िटिव रिज़ल्ट मिले, पूरे सिंगरौली में उत्साह की लहर दौड़ गई है। आने वाले समय में 72 सीटर विमान के ज़रिए जबलपुर, भोपाल और दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
विकास का नया अध्याय
सरकार के निरंतर प्रयासों से अब सिंगरौली के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है—हवाई यात्रा की सुविधा। यह सुविधा न सिर्फ उद्योग और व्यापार को नई गति देगी, बल्कि आम लोगों की यात्रा को भी तेज़, आसान और आधुनिक बनाएगी।

