आज से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ और इधर संसद भवन में भी सत्र की शुरुआत होते ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा। बिहार विधानसभा में जहां नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली, वहीं संसद के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने विपक्ष को आक्रामक मोड में ला दिया।
सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया से बातचीत की और विपक्ष से संसद में सहयोग की अपील की। लेकिन इसी दौरान उन्होंने बिहार चुनाव परिणामों का ज़िक्र करते हुए कहा— “मैं अपील करूंगा कि हार की हताशा से बाहर निकलकर संसद चलने दी जाए।” बस, यही बयान पूरा माहौल बदलने के लिए काफ़ी था।
पीएम के बयान पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा— “अगर प्रधानमंत्री ऐसी बात कह रहे हैं तो उन्हें प्रेस कॉन्फ़्रेंस करनी चाहिए। विपक्ष हताश है? और उनकी कौन-सी हताशा है? चुनाव मूल मुद्दों पर नहीं, ‘कट्टा, मंगलसूत्र, भैंस और मुजरा’ पर लड़ रहे हैं… क्या यह प्रधानमंत्री की गरिमा के अनुकूल है?”
इसी बीच कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने मोदी के बयान को ‘ड्रामा’ बताने पर कटाक्ष करते हुए कहा— “ड्रामा शब्द का इस्तेमाल वो कर रहे हैं जो सबसे बड़े ड्रामा मास्टर हैं। हमें तो ड्रामा उनसे ही सीखना है—कब, कैसे और कहां करना है। हम दिल से काम करते हैं, जमीन से जुड़े हैं।”
संसद का पहला दिन था, लेकिन माहौल ऐसा गरमा गया कि सत्र की शुरुआत ही तीखी राजनीतिक चिंगारियों के बीच हुई।

