लखनऊ. कोडीन सिरप के अवैध डायवर्जन, भंडारण और खरीद-फरोख्त के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं और सियासी गलियारों में हलचल तेज है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में ऐसे गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जिनके बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सीएम ने सीधे अखिलेश यादव पर हमला बोला। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट जल्द सदन के पटल पर भी रखी जा सकती है और इसमें शामिल तथ्य समाजवादी पार्टी के लिए किसी वज्रपात से कम नहीं होंगे, हालांकि रिपोर्ट की पूरी जानकारी फिलहाल मुख्यमंत्री तक ही सीमित बताई जा रही है।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच और विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट से जो तस्वीर उभर रही है, वह अब तक सामने आई कहानी से कहीं ज्यादा गंभीर है। यह मामला सिर्फ स्थानीय गड़बड़ी नहीं बल्कि अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसमें कई बड़ी मछलियों की भूमिका सामने आई है। सूत्रों का दावा है कि अगर सीमाओं पर सख्ती और हालिया कार्रवाइयां नहीं होतीं तो यह पूरा नेटवर्क शायद कभी उजागर ही न होता।
जांच में सामने आया है कि कोडीन सिरप का अवैध डायवर्जन एक संगठित “हलाल नेटवर्क” के जरिए किया जा रहा था, जिसका संचालन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल से होता था और उत्तर प्रदेश में इसके केंद्र पश्चिमी जिलों जैसे गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और बरेली बताए जा रहे हैं। तस्करी के लिए नेपाल, झारखंड और पश्चिम बंगाल के रास्तों का इस्तेमाल होता रहा, लेकिन हालिया सख्ती के बाद ये रास्ते बंद होने लगे और पूरा खेल उजागर हो गया।
सूत्र बताते हैं कि कोडीनयुक्त सिरप बच्चों के लिए प्रतिबंधित है और यह केवल चिकित्सकीय सलाह पर वयस्कों को दी जाती है। मध्य प्रदेश में सिरप से बच्चों की मौत के बाद चलाए गए अभियान के दौरान यूपी में भी बड़े पैमाने पर जांच हुई, जिसने इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया। जांच में कई नाम सामने आए हैं और पश्चिम यूपी के एक कथित सिंडीकेट को विपक्षी राजनीति से जोड़ा जा रहा है, जिस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच एजेंसियों का दावा है कि तस्करी एशिया, अरब और अफ्रीकी देशों तक फैली थी और हवाला नेटवर्क के जरिए पैसे का लेन-देन होता था। तस्करी के रास्ते बंद होने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में नए बाजार तलाशने की कोशिशें भी सामने आई हैं। अब तक की कार्रवाई में बड़े पैमाने पर सिरप जब्त हुआ है और कई गोदाम सील किए गए हैं।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन सिरप मामले में समाजवादी पार्टी की संलिप्तता को लेकर सीधे सवाल खड़े किए, जिनका जवाब देने में विपक्ष अब तक असहज नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर आरोपियों के साथ नेताओं की तस्वीरें भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
कोडीन सिरप मामले में उत्तर प्रदेश के 33 जिलों में अब तक 140 से ज्यादा फर्मों और संचालकों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है, जिसे देश का सबसे बड़ा क्रैकडाउन माना जा रहा है। जिस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने विपक्ष पर हमला बोला है, वह आने वाले दिनों में सियासत की दिशा तय कर सकती है, क्योंकि यह मुद्दा अब आरोप लगाने वालों के लिए ही सबसे बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है।

