सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में हवा लोगों की सांसें रोकने लगी है। पिछले पंद्रह दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। बीते हफ्ते ट्रामा सेंटर इलाके में AQI 356 तक पहुंच गया, जबकि जयंत क्षेत्र में 326 दर्ज किया गया था। आज भी हालात सामान्य नहीं हैं और प्रदूषण का स्तर 250 से ऊपर बना हुआ है, जो बच्चों, बुजुर्गों और स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक माना जाता है।
सिंगरौली की हवा पूरे साल खराब रहती है, लेकिन ठंड का मौसम इसे और जहरीला बना देता है। जिले में चल रहे ऐश और कोल ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ एनटीपीसी, रिलायंस और तिरुमुला जैसी कंपनियों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं वातावरण को भारी मात्रा में प्रदूषित कर रहा है। रात के समय उठने वाला राख का कण शहर की हवा को इतना खराब कर देता है कि सड़कों पर दोपहर में भी कोहरे जैसा माहौल नजर आने लगा है।
स्थिति यह है कि शहर के चौराहों पर रियल-टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डिस्प्ले भी पर्याप्त संख्या में नहीं लगाए गए। सिर्फ एक-दो बोर्ड लगने की वजह से लोग यह भी नहीं जान पाते कि वे कितनी जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं।
इधर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन अब सक्रिय हो गया है। सिंगरौली कलेक्टर गौरव बैनल ने सभी बड़ी कंपनियों के अधिकारियों को तलब करके कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सात दिनों के अंदर प्रदूषण कम करने का ठोस रोडमैप तैयार करने, सड़कों पर पानी छिड़काव बढ़ाने और हर जरूरी कदम तुरंत लागू करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने साफ चेतावनी दी है कि अगर तय समय में सुधार नहीं दिखा, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
अब सिंगरौली के लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि उनकी सांसों का संकट कब कम होगा और हवा आखिर कब साफ हो पाएगी।

