बिहार चुनाव 2025 में एनडीए भारी बहुमत के साथ वापसी करती दिख रही है। दोपहर 3 बजे तक एनडीए 207 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन सिर्फ 29 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है। लेकिन इतनी बड़ी जीत के बीच सबसे बड़ा सवाल अब भी अधर में लटका है—क्या नीतीश कुमार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे? चुनाव से पहले उन्हें ही CM फेस घोषित कर चुकी बीजेपी अब इस मुद्दे पर खामोश दिख रही है, जिससे सस्पेंस और बढ़ गया है।
इस सस्पेंस को और हवा उस वक्त मिली जब जेडीयू के एक्स हैंडल पर नीतीश कुमार की तस्वीर शेयर की गई और लिखा गया—“न भूतो न भविष्यति… नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।” यह पोस्ट कुछ देर बाद डिलीट कर दिया गया, लेकिन तब तक राजनीति में नई गर्मी आ चुकी थी। इससे पहले पटना में जेडीयू दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में भी दावा किया गया था—“टाइगर अभी जिंदा है।”
उधर, बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े ने एक बयान देकर माहौल और दिलचस्प बना दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में 5 पार्टियां शामिल हैं और सभी मिलकर तय करेंगी कि मुख्यमंत्री कौन होगा। उनका यह बयान साफ संकेत देता है कि बीजेपी अकेले फैसला नहीं करना चाहती और जेडीयू के दावे पर भी तुरंत मुहर लगने वाली नहीं है। एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के साथ जीतन राम मांझी की हम, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी और चिराग पासवान की एलजेपीआर भी शामिल हैं।
मतदान से पहले विपक्ष ने कई बार दावा किया था कि नीतीश कुमार बीमार चल रहे हैं, उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन वोटिंग खत्म होते ही नीतीश कुमार लगातार एक्टिव दिखे और इस सक्रियता ने NDA खेमे में एक अलग ही संदेश भेजा। अब जब नतीजे एनडीए के पक्ष में भारी बहुमत दिखा रहे हैं, नीतीश कुमार का नाम फिर से तेज़ी से उभर रहा है—लेकिन अंतिम फैसला अभी भी रहस्य बना हुआ है।
बिहार की राजनीति इस वक्त एक ही सवाल पर अटकी है—इतिहास दोहराया जाएगा या इस बार तस्वीर बदलेगी?

