बिहार की सियासत में अब जुबानी जंग अपने चरम पर पहुंच चुकी है।
महागठबंधन के ‘तेजस्वी प्रण पत्र’ के जारी होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर करारा पलटवार किया है।
मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा क्षेत्र के बेरुआ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा —
“कुछ लोग युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के नाम पर भ्रमित कर रहे हैं।
यही लोग वो हैं जिन्होंने 15 साल तक बिहार की सत्ता में रहकर इस राज्य को लूटा, लेकिन युवाओं के लिए कुछ नहीं किया।
आज वे फिर से वही पुराने वादे लेकर जनता के बीच आए हैं।”
नीतीश ने जनता से अपील की — “किसी भ्रम में मत रहिए।
हमने जो कहा, उसे निभाया है। और आगे भी जो कहेंगे, उसे पूरा करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में लालू-राबड़ी राज की याद दिलाते हुए कहा —
“एक वक्त था जब शाम होते ही लोग अपने घरों में कैद हो जाते थे।
बिजली नहीं, सड़कें टूटी हुईं, स्कूलों की हालत बदतर और अस्पतालों में डॉक्टर तक नहीं मिलते थे।
लेकिन हमने बिहार की तस्वीर बदल दी।
आज शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली—तीनों क्षेत्रों में ऐतिहासिक सुधार हुए हैं।”
नीतीश कुमार ने जेडीयू उम्मीदवार कोमल सिंह के समर्थन में यह सभा की।
उनके साथ मंच पर जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह, मंत्री अशोक चौधरी और वैशाली सांसद वीणा देवी भी मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने अब तक 2 लाख 58 हजार शिक्षकों की भर्ती करवाई है।
बच्चों के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं से लाखों परिवारों को फायदा हुआ है।
स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी बड़ा बदलाव आया है —
2005 के बाद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त इलाज और दवा की सुविधा शुरू हुई,
जिससे हर महीने औसतन 11,600 मरीजों को राहत मिल रही है।
उन्होंने कहा कि बिहार की सड़कें आज पहले से कई गुना बेहतर हैं।
‘नल-जल योजना’ के जरिए हर घर तक साफ पानी पहुंचाया गया है।
125 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है,
और वृद्धावस्था पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 कर दी गई है।
महिलाओं के लिए जीविका योजना और 35% आरक्षण जैसे फैसले ने उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है।
नीतीश ने कहा — “पहले के दौर में महिलाएं शाम ढलते ही घरों से बाहर निकलने से डरती थीं।
आज बिहार की महिलाएं आत्मविश्वास के साथ काम और कारोबार कर रही हैं।”
अपने संबोधन के अंत में नीतीश कुमार ने कहा —
“बिहार अब विकास की राह पर है।
जो लोग इसे लूट के अंधेरे में छोड़ गए थे,
हमने उसी बिहार को रोशनी की राह पर लाया है।
और अब जो सफर शुरू हुआ है, वह रुकने वाला नहीं है।”

