पटना। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद राजनीति में लगातार नई हलचलें देखने को मिल रही हैं। जेडीयू के शानदार प्रदर्शन और एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। करीब आधे घंटे चली यह बंद कमरे की बैठक किसी बयान के बिना खत्म हुई, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर गई है।
बिहार की जनता ने इस बार एनडीए को उम्मीद से कहीं अधिक समर्थन दिया है। जेडीयू, बीजेपी और सहयोगी दलों के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। इसी बीच नेताओं का मुख्यमंत्री आवास पर आना-जाना लगातार जारी है, और मुलाकातों का यह सिलसिला कई राजनीतिक संकेत भी दे रहा है।
200 से ज्यादा सीटों की जीत के साथ अब एनडीए शपथ ग्रहण की तैयारियों में जुट गया है। पार्टी दफ्तरों से लेकर दिल्ली तक नेताओं की राय, दावेदारी और संयोजन पर चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि 20 नवंबर को नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इनके साथ ही नए मंत्रिमंडल के सदस्यों की भी शपथ होने की संभावना है, जिसमें जेडीयू और बीजेपी के 15-15 से अधिक और अन्य सहयोगी दलों के विधायक भी शामिल हो सकते हैं।
चुनाव परिणामों के बाद हुई यह अचानक मुलाकात सियासी हवा में कई सवाल छोड़ गई है—क्या नई सरकार के गठन में किसी खास रणनीति पर चर्चा हुई? कौन होगा मंत्री? और एनडीए की टीम किस रूप में सामने आएगी? सारे जवाब आने वाले दिनों में खुलेंगे, लेकिन बिहार की राजनीति इस वक्त बेहद दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है।

