पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब और भी गर्म हो चुका है। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसने पूरे सियासी माहौल को हिला कर रख दिया। तेज प्रताप ने साफ शब्दों में कहा — “आरजेडी में वापसी से बेहतर है मौत।” उन्होंने दो टूक कहा कि अब उनकी राहें पूरी तरह अलग हैं और वे अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के बैनर तले महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
तेज प्रताप ने कहा कि महुआ की जनता ही उनका परिवार है। जब वे विधायक थे, तब लोगों की समस्याएं सुनी जाती थीं, लेकिन अब जनता खुद कहती है कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने मौजूदा विधायक मुकेश रौशन पर सीधा निशाना साधते हुए कहा — “जनता का आशीर्वाद ही असली ताकत है, और सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता का भरोसा हासिल हो।”
हालांकि उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए भी कहा कि राजनीति में घोषणाएं बहुत होती हैं, लेकिन सत्ता उसी को मिलती है जिसे जनता आशीर्वाद देती है। उन्होंने जोड़ा — “वो मेरा छोटा भाई है, उस पर मेरा आशीर्वाद हमेशा रहेगा। मैं उस पर सुदर्शन चक्र नहीं चला सकता।”
नामांकन के दौरान तेज प्रताप अपनी दिवंगत दादी मरिचिया देवी की तस्वीर साथ लाए थे। उन्होंने कहा कि उन्हीं के आशीर्वाद से लालू यादव राजनीति में आगे बढ़े। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उन्होंने लालू और राबड़ी देवी से आशीर्वाद लिया, तो उन्होंने जवाब दिया — “काफी समय से बात नहीं हुई है, लेकिन मुझे पता है कि उनका आशीर्वाद मेरे साथ है।”
तेज प्रताप यहीं नहीं रुके। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर भी हमला बोला और कहा कि अब जनता उनकी नापाक साज़िशों में नहीं आने वाली। वहीं जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए बोले — “वो मूल रूप से व्यापारी हैं, पहले पार्टियों का प्रचार करते थे, अब वही काम अपने लिए कर रहे हैं।”
अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के चुनाव चिन्ह ब्लैकबोर्ड के बारे में बोलते हुए तेज प्रताप ने कहा — “यह ब्लैकबोर्ड जनता की शिक्षा, जागरूकता और सच्चाई का प्रतीक है। महुआ की जनता मेरा परिवार है और मैं पूरी ईमानदारी से उनकी सेवा करता रहूंगा।”
मंच पर उनके साथ मौजूद एक बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा — “इनसे बड़ी प्रेरणा मुझे क्या चाहिए, जिन्होंने खुद महात्मा गांधी को देखा है।”
तेज प्रताप का यह बयान न केवल बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है, बल्कि इस बात का भी संकेत दे रहा है कि अब वे अपनी अलग राजनीतिक राह पर मजबूती से आगे बढ़ चुके हैं।

