बिहार में चुनावी माहौल अपने शबाब पर है — रैलियों की गूंज, नेताओं के बयान, और जनता के जोश से पूरा राज्य सियासी रंग में रंगा हुआ है। इसी बीच दरभंगा जिले के गौड़ाबौराम विधानसभा क्षेत्र के कोठराम में महागठबंधन की एक विशाल जनसभा में तेजस्वी यादव ने ऐसा भाषण दिया जिसने सबका ध्यान खींच लिया। मंच पर उनके साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद थे, और यह सभा वीआईपी उम्मीदवार संतोष सहनी के समर्थन में आयोजित की गई थी।
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा — “अमित शाह हमें धमकी देते हैं कि ऐसा सबक सिखाएंगे कि अगली बार चुनाव लड़ने से पहले सोचेंगे। लेकिन सुन लीजिए — जब मेरे पिता लालू प्रसाद यादव ने आपके गुरु एल.के. आडवाणी को गिरफ्तार कराया था, तब वो नहीं डरे थे… तो उनका बेटा भी कभी नहीं डरेगा!” भीड़ के शोर के बीच तेजस्वी ने साफ कहा — “हम डरने नहीं आए हैं, हम जनता के हक़ की लड़ाई लड़ने आए हैं।”
तेजस्वी ने कहा कि उनकी असली लड़ाई किसी पार्टी या व्यक्ति से नहीं, बल्कि बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ है। उन्होंने जनता से सीधे सवाल किया — “कब तक बिहार का नौजवान अपने घर छोड़कर दूसरे राज्यों में जाएगा? कब तक हमारे माता-पिता अपने बच्चों को रोज़गार के लिए दूर भेजते रहेंगे?” उन्होंने वादा किया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी, तो हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। तेजस्वी ने कहा — “अब बिहार का बेटा-बेटी यहीं काम करेगा, अपने परिवार के साथ रहेगा, और गर्व से कहेगा — हम बिहार में हैं, और हमें यहीं रोज़गार मिला है।”
सभा के अंत में तेजस्वी ने जनता से जोशभरे अंदाज़ में अपील की — “अब वक्त है बदलाव का। अब बिहार को डराने वाली नहीं, काम करने वाली सरकार चाहिए। अगर आप हमें मौका देंगे, तो बिहार की तस्वीर बदल जाएगी — किसानों को मिलेगा सम्मान, युवाओं को नौकरी, गरीबों को न्याय। महागठबंधन को जिताइए, ताकि बिहार को उसका हक़ मिल सके!”
जैसे ही तेजस्वी ने माइक रखा, पूरा मैदान एक ही आवाज़ में गूंज उठा — “बदलाव तय है! तेजस्वी आये हैं!”

