पटना। बिहार की राजनीति में संविदा कर्मियों की दशा लंबे समय से चिंता का विषय रही है। अस्थायी रोजगार, अनिश्चित भविष्य और असमान कार्यशर्तों के कारण हजारों संविदा कर्मी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण झेल रहे हैं। ऐसे में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से राजद उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने वादा किया है कि राज्य के सभी संविदा कर्मियों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा।
तेजस्वी यादव ने कहा कि संविदा कर्मियों की हालत बेहद दयनीय है। अक्सर बिना किसी कारण उनके रोजगार को समाप्त कर दिया जाता है। उनके वेतन से हर महीने 18% तक कटौती की जाती है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। महिला संविदा कर्मियों को मिलने वाली छुट्टी तक उन्हें नहीं मिलती। तेजस्वी ने कहा कि यह स्थिति अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी सरकार बनने पर सबसे पहले प्रदेश के सभी संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें वे सभी अधिकार और सुविधाएं दी जाएंगी जो स्थायी सरकारी कर्मचारियों को मिलती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि संविदा कर्मियों ने वर्षों से समर्पण के साथ सेवाएं दी हैं, लेकिन उन्हें उसका उचित प्रतिफल नहीं मिला। इसे शोषण की व्यवस्था मानते हुए तेजस्वी ने कहा कि राजद सरकार बनने पर इस स्थिति को खत्म किया जाएगा और संविदा कर्मियों को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा दी जाएगी। इस घोषणा के बाद राज्यभर में संविदा कर्मियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, तकनीकी सहायक, डेटा एंट्री ऑपरेटर, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कर्मी इस घोषणा को अपने संघर्ष की जीत मान रहे हैं।
विपक्षी दलों ने इस वादे को चुनावी जुमला बताया और लागू करने की व्यवहार्यता पर सवाल उठाए हैं। लेकिन तेजस्वी यादव का कहना है कि राजद हमेशा गरीब, वंचित और मेहनतकश वर्ग की आवाज उठाता रहा है। सरकार में आते ही यह वादा उनकी प्राथमिकता होगी। इस घोषणा से न केवल संविदा कर्मियों के जीवन में बदलाव आएगा, बल्कि राज्य की रोजगार नीति में भी सुधार संभव है। अब यह देखने वाली बात है कि जनता इस वादे पर कितना भरोसा जताती है और राजद को सत्ता सौंपती है या नहीं।

