पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार का आज आखिरी दिन है, और इस बीच लालू परिवार की अंदरूनी जंग फिर से सुर्खियों में है। जहां एक ओर तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेता वोटरों को लुभाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने ही भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, बीते रविवार को तेजस्वी यादव महुआ विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे, जहां उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार राकेश रौशन के समर्थन में जनसभा की थी। इसी बात से नाराज होकर तेज प्रताप भड़क उठे, क्योंकि वे खुद महुआ सीट से अपनी नई पार्टी “जनशक्ति जनता दल” के उम्मीदवार हैं। और अब तेज प्रताप ने पलटवार करते हुए अपने छोटे भाई के गढ़ राघोपुर में पहुंचकर चुनावी प्रचार किया है।
राघोपुर की जनता को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा — “हमारा असली अर्जुन तेजस्वी नहीं, हमारा उम्मीदवार प्रेम कुमार है।” उन्होंने दावा किया कि असली लालू जी की पार्टी जनशक्ति जनता दल है, जबकि हरे झंडे वाली आरजेडी अब जयचंदों के कब्जे में है। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि राजद अब फर्जी पार्टी बन चुकी है, जनता उसे वोट न दे।
अपने भाषण में तेज प्रताप ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी का उम्मीदवार प्रेम कुमार राघोपुर से जीतता है, तो यहां एक बड़ा मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “महुआ में हम मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं, और अगर राघोपुर की जनता हमारा साथ देगी तो पटना के लोग इलाज कराने राघोपुर आएंगे, न कि यहां के लोग पटना जाएंगे।”
तेज प्रताप का यह बयान न सिर्फ लालू परिवार की बढ़ती दूरी को उजागर करता है, बल्कि बिहार की सियासत में एक नया मोड़ भी लेकर आया है। एक तरफ तेजस्वी महागठबंधन का चेहरा बने चुनावी रण में डटे हैं, वहीं उनके बड़े भाई तेज प्रताप उसी परिवार और उसी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब देखना होगा कि राघोपुर की जनता किस भाई पर भरोसा जताती है — तेजस्वी पर या तेज प्रताप पर।

