Thailand: थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न की कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ फोन पर हुई बातचीत लीक होने के बाद सियासी बवाल मच गया है। उनकी सहयोगी पार्टी सरकार से अलग हो गई है। वहीं, विपक्ष नए सिरे चुनाव की मांग कर रहा है। तख्तापलट की आशंका भी जताई जा रही है।
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने गुरुवार को माफी मांगी। दरअसल, कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हुई। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के मुद्दे नया सियासी बवाल खड़ा हो गया है। सरकार की एक बड़ी सहयोगी पार्टी गठबंधन से बाहर निकल गई है। वहीं, पैटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग और तेज हो गई है। इससे उनकी पहले से ही डगमगा रही सरकार और कमजोर हो गई, जिसे उनकी पार्टी ‘फ्यू थाई पार्टी’ चला रही है।
पैटोंगटार्न को पहले से ही यह कहकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था कि वह कंबोडिया के प्रति बहुत नरम रवैया रखती हैं, खासकर दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों की ओर से, जो उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा (पूर्व प्रधानमंत्री) के पुराने विरोधी हैं। 8 मई को थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक छोटे से इलाके में हथियारों के साथ झड़प हुई थी। इसे दोनों देश अपना हिस्सा मानते हैं। इसे ‘नौ मैन्स लैंड’ कहा जाता है। इसमें एक कंबोडिया का सैनिक मारा गया था।
कॉल रिकॉर्डिंग कैसे लीक हुई?
कंबोडिया की संसद के अध्यक्ष हुन सेन ने बुधवार को उस बातचीत की पूरी 17 मिनट की रिकॉर्डिंग अपने फेसबुक पर डाल दी, जबकि उसका एक छोटा हिस्सा पहले ही लीक हो गया था। हुन सेन ने कहा कि उन्होंने यह बातचीत इसलिए रिकॉर्ड की ताकि कोई गलतफहमी न हो या झूठी बातें न फैले। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यह रिकॉर्डिंग कम से कम 80 लोगों को भेजी है।
फोन कॉल में क्या कहा गया?
रिकॉर्डिंग में सुना गया कि पैटोंगटार्न ने हुन सेन को ‘अंकल’ कहा, जब दोनों नेता दोनों देशों की भाषाओं के अनुवादकों के जरिए यह चर्चा कर रहे थे कि सीमा पर लगे प्रतिबंधों को हटाना चाहिए या नहीं, जो उस झड़प के बाद लगाए गए थे। विवाद इस बात पर भी हुआ कि पैटोंगटार्न ने उस थाई सेना अधिकारी को ‘विरोधी’ कहा, जो उस सीमा इलाके की जिम्मेदारी संभाल रहा था, जहां झड़प हुई थी। आलोचकों का कहना है कि वह हुन सेन को बहुत ज्यादा खुश करने की कोशिश कर रही थीं, जिससे थाईलैंड कमजोर दिखा।
अब हुन-सेन पर भरोसा नहीं रहा: पैटोंगटार्न
हालांकि, पैटोंगटार्न ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बीच बातचीत केवल एक वार्ता की रणनीति थीं और उनका असली मकसद दोनों देशों के बीच शांति लाना था। पैटोंगटार्न ने कहा कि अब वह हुन सेन से कोई निजी बातचीत नहीं करेंगी, क्योंकि उन्हें अब उन पर भरोसा नहीं रहा। उन्होंने कहा, अब साफ हो गया है कि हुन सेन को सिर्फ अपने देश में लोकप्रियता की चिंता है, उन्हें दूसरे देशों से संबंधों पर क्या असर पड़ेगा – इसकी कोई परवाह नहीं है।
थाईलैंड की आधिकारिक प्रतिक्रिया
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया के राजदूत को एक विरोध-पत्र सौंपा। उसमें कहा गया कि रिकॉर्डिंग को लीक करना पूरी तरह गलत और अस्वीकार्य है। यह काम अंतरराष्ट्रीय नियमों और पड़ोसी के अच्छे संबंधों की भावना के खिलाफ है।
गठबंधन सहयोगी पार्टी ने क्या कहा
पैटोंगटार्न ने कहा है कि उनके और हुन सेन के परिवारों के बीच लंबे समय से करीबी रिश्ते रहे हैं। उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और हुन सेन एक-दूसरे को ‘धर्म भाई’ मानते हैं। साल 2009 में हुन सेन ने थाकसिन को कंबोडिया सरकार का सलाहकार बना दिया था, लेकिन थाकसिन ने थोड़े समय बाद इस्तीफा दे दिया था। रिकॉर्डिंग लीक होने के कुछ ही घंटों बाद भूमजयथाई पार्टी (जो कि पैटोंगटार्न की सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी)ने कहा कि वह सरकार से अलग हो रही है। पार्टी ने कहा कि यह रिकॉर्डिंग थाईलैंड की संप्रभुता, सीमा, राष्ट्रीय हित और सेना पर नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने पैटोंगटार्न से कहा कि वह इस नुकसान की जिम्मेदारी लें, हालांकि यह नहीं बताया कि कैसे।
पहले से था भूमजयथाई और फ्यू थाई पार्टी के बीच विवाद
भूमजयथाई और फ्यू थाई पार्टी के बीच पहले से ही तनाव था, क्योंकि खबरें थीं कि भूमजयथाई को ताकतवर गृह मंत्रालय से हटाया जा सकता है। इसके अलावा, भूमजयथाई पार्टी के कई नेता जांच के घेरे में हैं, क्योंकि उन पर सीनेट चुनाव में धांधली के आरोप हैं। बताया जाता है कि पार्टी से जुड़े कई लोगों ने सीनेट में ज्यादा सीटें हासिल की हैं। भूमजयथाई पार्टी के अलग हो जाने से अब 10 दलों वाला सत्तारूढ़ गठबंधन सिर्फ 255 सीटों पर रह गया है, जो कि 500 सीटों वाली संसद में बहुमत से बस थोड़ा ही ज्यादा है।
विपक्ष ने की नए सिरे से चुनाव की मांग
विपक्षी नेता नत्ताफोंग रूअंगपन्यावुत ने गुरुवार को कहा कि संसद भंग कर देनी चाहिए और नए चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि फोन कॉल लीक ने जनता का सरकार पर से पूरा भरोसा खत्म कर दिया।
सड़कों पर शुरू हुआ विरोध
गुरुवार को दर्जनों राष्ट्रवादी प्रदर्शनकारी गवर्नमेंट हाउस के पास जमा हुए। वे थाई राष्ट्र ध्वज और पैटोंगटार्न के इस्तीफे की मांग करने वाले पोस्टर लेकर आए थे। कुछ सांसदों ने कहा कि वे पैटोंगटार्न के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाएंगे। कई लोगों ने इस मुद्दे को लेकर पुलिस और कानून एजेंसियों में शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
सैन्य तख्तापलट का डर
कई लोगों ने चिंता जताई कि पैटोंगटार्न द्वारा स्थानीय सेना कमांडर पर की गई टिप्पणी कहीं फिर से सैन्य तख्तापलट की वजह न बन जाए। उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा को 2006 में सेना ने तख्तापलट करके सत्ता से हटा दिया था। उनकी बहन यिंगलक शिनावात्रा 2011 में प्रधानमंत्री बनी थीं और उन्हें भी 2014 में सेना ने सत्ता से हटा दिया था।