आज के इस भौतिक युग में जहां लोग सुख-सुविधाओं की दौड़ में उलझे हुए हैं, वहीं नरसिंहपुर का एक परिवार सबकुछ छोड़कर अध्यात्म की राह पर निकल पड़ा है। कांकरिया परिवार के चारों सदस्यों — अनामिका कांकरिया, उनके पति दिनेश कांकरिया, डॉक्टर बेटी हर्षिता और चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर रहे बेटे विधान — ने शुक्रवार 9 नवंबर को सांसारिक जीवन का त्याग करते हुए जैन दीक्षा ग्रहण की।
आचार्य जिन पीयूष सागर, मुनि सुभ्रत स्वामी और मुनि विनम्र सागर के सान्निध्य में संपन्न इस दीक्षा समारोह में हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए। इस मौके पर नरसिंहपुर के आनंद नगर कॉलोनी में सकल जैन श्वेतांबर संघ के तत्वावधान में भव्य अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया, जहां समाज के लोगों ने दीक्षार्थी परिवार का गर्मजोशी से सम्मान किया। परिवार ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने यह निर्णय आत्मसाधना और सत्य की खोज के लिए लिया है।
अनामिका कांकरिया, जो विवाह के बाद महाराष्ट्र के धूलिया में रह रही थीं, मूल रूप से नरसिंहपुर के प्रतिष्ठित ओसवाल परिवार से हैं। उनके परिवार के पास करीब 5 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति थी, जिसे त्यागकर अब उन्होंने अध्यात्म के मार्ग पर कदम रखा है।
गौरतलब है कि अनामिका की एक बेटी वर्ष 2022 में पहले ही दीक्षा लेकर साध्वी शाश्वत निधि के रूप में तप और साधना में लीन हैं। अब पूरे परिवार के संन्यास लेने से यह घटना समाज में चर्चा का विषय बन गई है और कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी।

