भोपाल। मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर में दूषित पानी पीने से लोगों के बीमार होने और मौतों के मामले पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। मंत्री ने साफ कहा कि यह उनके विभाग का काम नहीं है और इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की है।
भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी से लोगों के बीमार होने के सवाल पर तुलसी सिलावट ने कहा कि पानी की सप्लाई नगर निगम करता है, इसलिए इस मामले में जवाबदेही भी उसी की बनती है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जल संसाधन विभाग का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इस दौरान मंत्री ने अपने विभाग का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया। उन्होंने दावा किया कि सिंहस्थ 2028 को लेकर जल संसाधन विभाग पूरी तैयारी में जुटा है और वर्ष 2027 तक सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे। मंत्री के मुताबिक सिंहस्थ के लिए विभाग द्वारा कुल 2 हजार 396 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
तुलसी सिलावट ने बताया कि कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना, करीब 30 किलोमीटर घाटों का निर्माण और नदियों पर 21 बैराज बनाने का काम तेजी से चल रहा है और तय समयसीमा के भीतर इन्हें पूरा कर लिया जाएगा।

