पटना। बिहार चुनाव के बीच एक तस्वीर ने सियासी गलियारों में जबरदस्त हलचल मचा दी। समस्तीपुर की सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की नेता शांभवी चौधरी की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें उनके दोनों हाथों की उंगलियों पर स्याही लगी दिखाई दी। तस्वीर आते ही विपक्ष ने उन पर दो बार वोट डालने का आरोप लगा दिया और मामला तेजी से तूल पकड़ गया।
विपक्षी दलों ने इस तस्वीर को लेकर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की। आरजेडी प्रवक्ता कंचन यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह तो फ्रॉड का नया स्तर है — सांसद शांभवी चौधरी के दोनों हाथों पर स्याही लगी है, यानी इन्होंने दो बार वोट किया। सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसा कैसे संभव हुआ?
जब विवाद बढ़ा, तो पटना प्रशासन की ओर से आधिकारिक सफाई आई। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह मामला डबल वोटिंग का नहीं, बल्कि मतदान कर्मी की गलती का परिणाम है। बयान में कहा गया कि पटना के संत पॉल्स प्राइमरी स्कूल, बुद्धा कॉलोनी स्थित मतदान केंद्र संख्या 61 पर स्याही लगाने वाले कर्मी ने गलती से सांसद के दाहिने हाथ की उंगली पर स्याही लगा दी थी। बाद में पीठासीन अधिकारी के हस्तक्षेप पर सही प्रक्रिया के तहत बाएं हाथ की उंगली पर भी स्याही लगाई गई।
प्रशासन ने यह भी बताया कि सांसद शांभवी चौधरी का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में दर्ज है और उन्होंने सिर्फ एक बार ही मतदान किया। वे बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 61, संत पॉल्स प्राइमरी स्कूल में मतदाता सूची क्रमांक 275 पर दर्ज हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई गई डबल वोटिंग की बात पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
हालांकि प्रशासन की सफाई के बावजूद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की लापरवाही पर सवाल उठाना जारी रखा। उनका कहना है कि यह घटना मतदान प्रक्रिया की गंभीर खामियों को उजागर करती है। वहीं एलजेपी (रामविलास) ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दों की कमी से जूझ रहा है, इसलिए भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।
हालात अब थोड़ा शांत होते दिख रहे हैं, लेकिन यह पूरा मामला बिहार के चुनावी माहौल में एक नई राजनीतिक गर्मी जरूर लेकर आया है।

