भोपाल। लगातार चुनावी हार और मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से घिरी कांग्रेस पार्टी अब मध्यप्रदेश में अपनी सियासत का रुख बदलने जा रही है। नए साल में एमपी कांग्रेस न्यू पॉलिटिकल मोड में नजर आएगी और अब सनातनी मुद्दों को केंद्र में रखकर राजनीति करने की तैयारी में है। धर्म के नाम पर हिंदुओं के संगठित होने और धार्मिक मुद्दों के जरिए चुनावी सफलता से सबक लेते हुए कांग्रेस भी अपने सियासी पैटर्न में बदलाव कर रही है। इसी रणनीति के तहत साधु, संत और सन्यासियों की मांगों को लेकर जनवरी महीने में कांग्रेस बड़ा धरना प्रदर्शन करने जा रही है।
साधु-सन्यासियों की पुरानी मांगों को नई सियासत का आधार बनाया जा रहा है और इसके लिए प्रदेशभर के साधु-संतों को जोड़ने की कवायद तेज कर दी गई है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने साफ कहा है कि साधु-सन्यासियों की मांगों को लेकर पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी और इसके लिए संत समाज से लगातार संपर्क किया जा रहा है।
इस प्रदर्शन में पुजारियों के वेतनमान, मंदिरों पर सरकारी आधिपत्य खत्म करने, मंदिर समितियों में नौकरशाहों के दखल का विरोध और 10 एकड़ जमीन की नीलामी से जुड़े सरकारी आदेश के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि बीजेपी दिखावे की पार्टी है, जो कहती कुछ और है और करती कुछ और। नए साल में सनातनी मुद्दों पर कांग्रेस की यह सियासत प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकती है।

