विकसित मध्यप्रदेश का संकल्प सदन में गूंजा, सीएम मोहन यादव बोले— नीति भी है और नियत भी

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प सदन के पटल पर प्रस्तुत किया, जिस पर सात घंटे तक विस्तृत चर्चा प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दो वर्षों में प्रदेश हित में लिए गए फैसले दूरगामी और ऐतिहासिक हैं, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होंगे, और उनकी सरकार ने बीमारू राज्य की छवि को बदलकर मध्यप्रदेश को विकसित राज्य की दिशा में आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर नागरिक सुखी और समृद्ध हो, क्योंकि हमारे पास नीति भी है और नियत भी। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद को कमजोर किया गया है, अवैध हथियार फैक्ट्रियों को ध्वस्त किया गया है और प्रदेश में मेट्रोपॉलिटन सिटी विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत भोपाल के साथ-साथ जबलपुर और ग्वालियर में भी मेट्रोपॉलिटन शहर विकसित किए जाएंगे।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह सदन सत्ता का नहीं बल्कि जनता के विश्वास का प्रतीक है और इस पर हमें गर्व होना चाहिए। विधानसभा के गठन की वर्षगांठ पर आयोजित यह विशेष सत्र न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे गणतंत्र के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण अवसर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से यह विशेष सत्र लोककल्याणकारी राज्य के कर्तव्यों को निभाने की दिशा में मार्गदर्शन करेगा और जनहित के संकल्प को और मजबूत बनाएगा। उन्होंने कहा कि गरिमापूर्ण सदन का एकत्र होना लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और भविष्य के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है, और इसी सत्र से प्रदेश को सांस्कृतिक रूप से और अधिक गौरवशाली बनाने की दिशा में नए प्रयासों की शुरुआत होगी।

सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री अर्जुन सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने नवोदय विद्यालयों की शुरुआत कर शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया, जिसे आज भी पूरे देश में सराहा जाता है।

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