बिहार में रोहिणी आचार्य विवाद नहीं थम रहा – बयानबाज़ी तेज, सियासी तापमान चरम पर

पटना। बिहार की राजनीति इन दिनों पूरी तरह गर्म है… और वजह है लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का मामला, जो लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस विवाद पर अब लगभग हर बड़ी पार्टी अपनी प्रतिक्रिया दे रही है—किसी ने इसे लालू परिवार का निजी मसला बताया, तो किसी ने तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साध दिया। कई नेता तो खुले तौर पर कह रहे हैं कि लालू यादव को आगे आकर बेटी को न्याय दिलाना चाहिए।

इसी विवाद पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान सामने आया है। उन्होंने साफ कहा कि यह लालू परिवार का आंतरिक मामला है, लेकिन रोहिणी ने जिस तरह से आरोप सामने रखे हैं, वह बेहद गंभीर और शर्मनाक हैं। मांझी ने कहा कि तेजस्वी को विधायक दल का नेता चुना जाना कोई हैरानी की बात नहीं, क्योंकि लालू यादव हमेशा से उनका समर्थन करते आए हैं। लेकिन रोहिणी के खुलासों ने परिवार और पार्टी दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मांझी ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी की बड़ी-बड़ी घोषणाओं पर वे पहले ही सवाल उठाते रहे हैं—जो बातें उन्होंने कही थीं, कोई भी समझदार व्यक्ति बिना सोचे ऐसा नहीं कह सकता।

इधर, राजद ने भी अपनी करारी हार की समीक्षा शुरू कर दी है। सोमवार को हारे और जीते उम्मीदवारों की बड़ी बैठक हुई, जिसमें तेजस्वी यादव को दोबारा राजद विधायक दल का नेता चुन लिया गया। यह भी बता दें कि पिछली बार 143 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली राजद सिर्फ 25 सीटें ही जीत सकी। बैठक में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति का विश्लेषण किया।

कुल मिलाकर, रोहिणी आचार्य का विवाद अब सिर्फ एक पारिवारिक मामला नहीं रहा… यह बिहार की राजनीति का सबसे चर्चित मुद्दा बन चुका है, और आने वाले दिनों में इस पर और बड़ी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल सकती हैं।

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