केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में आने को लेकर अपने मन की बात खुलकर रखी है। एबीपी नेटवर्क के एक खास कार्यक्रम में शामिल हुए सिंधिया ने कहा कि वह मूल रूप से राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन 30 सितंबर की एक घटना ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उन्होंने बताया कि उनका सपना राजनीति नहीं बल्कि जनसेवा था और आज भी वह खुद को राजनीति से ज्यादा सेवा के मार्ग पर चलते हुए देखते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि वह खुद को एक जनसेवक मानते हैं, न कि एक राजनेता। कई बार जीवन में हालात ऐसे बन जाते हैं कि राजनीति ही रास्ता बन जाती है, लेकिन उनका लक्ष्य कभी राजनीति नहीं रहा। उन्हें सेवा करने का सौभाग्य मिला है और उनका मानना है कि समाज और देश के लिए काम करने से बेहतर कोई रास्ता नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि भारत तेजी से वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। आज यूपीआई के क्षेत्र में भारत के 12 देशों के साथ करार हो चुके हैं और देश का तिरंगा पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है। सिंधिया ने दावा किया कि आने वाले समय में भारत 6जी टेक्नोलॉजी में भी दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वह कभी एक स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे, लेकिन 30 सितंबर की उस घटना ने उनकी सोच और जिंदगी दोनों बदल दीं।
संचार साथी ऐप को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग हर मुद्दे पर देश का विरोध करने लगते हैं। उन्होंने बताया कि संचार साथी ऐप से यह पता लगाया जा सकता है कि मोबाइल फोन चोरी का है या नहीं और अब तक डेढ़ करोड़ लोग खुद इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ऐप को लेकर कोई हिचक या सवाल है तो सरकार रिव्यू के लिए तैयार है और हाल ही में इसमें नए ऑप्शन भी जोड़े गए हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनका मकसद किसी पद की चाह नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना है। जब उनसे कांग्रेस में वापसी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
राहुल गांधी को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंधिया ने तंज कसते हुए कहा कि वह किसी को कैसे देखें, इससे क्या फर्क पड़ता है, जनता अपना फैसला दे चुकी है।

