भोपाल। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने के बाद मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग के दो साल के कामकाज और उपलब्धियों का ब्योरा दिया। मंत्री ने दावा किया कि पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से प्रदेश में 12 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिए गए हैं और हर साल पर्यटकों की संख्या में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है।
धर्मेंद्र लोधी ने बताया कि बीते दो सालों में पर्यटन क्षेत्र में 511 हेक्टेयर क्षेत्र में निवेश आया है, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि साल 2024-25 में मध्य प्रदेश में 14 करोड़ पर्यटक पहुंचे, जबकि 2023-24 में यह संख्या 11 करोड़ 21 लाख थी। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में हर साल पर्यटकों की संख्या में लगातार 20 प्रतिशत की वृद्धि हो।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि रीवा और ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जहां करीब 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इसके अलावा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पर्यटन से जुड़े 6 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। राजधानी भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश ट्रेवल मार्ट में देशभर के स्टेकहोल्डर्स और 28 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम बताया गया। इस ट्रेवल मार्ट के जरिए 7 हजार से ज्यादा बी-टू-बी बैठकों का आयोजन हुआ और 3 हजार 565 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव सामने आए।
मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने धार्मिक पर्यटन से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 20 ट्रेनों का सफल संचालन किया गया, जिससे 16 हजार तीर्थयात्री लाभान्वित हुए। इसके साथ ही 25 विशेष विमानों से 800 श्रद्धालुओं को यात्रा कराई गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 132 मंदिरों के जीर्णोद्धार के कार्य स्वीकृत किए गए हैं और मंदिरों के पुजारियों के लिए लगभग 32 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि मध्य प्रदेश अब राममय, कृष्णमय और शिवमय प्रदेश के रूप में पहचान बना रहा है। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के जरिए प्रदेश ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने रखा है। आगामी सिंहस्थ को देखते हुए 18 गांवों को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। पचमढ़ी को ग्रीन डेस्टिनेशन बनाने की पहल की गई है और जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 41 गतिविधियों को लाइसेंस जारी किए गए हैं।

