पूर्णिया में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला और राज्य की सबसे बड़ी समस्या — बेरोजगारी और पलायन — को चुनाव का असली मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि बिहार का युवा मेहनती है, लेकिन उसे अपने ही राज्य में काम करने का मौका नहीं मिलता। यहां उद्योग नहीं हैं, सरकारी पद खाली पड़े हैं और नौजवान मजबूर होकर रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा दर्द यही है — बेरोजगारी और पलायन। यहां के युवाओं के पास मेहनत है, हुनर है, लेकिन मौका नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें हर चुनाव में विकास के दावे करती हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है। गांवों और कस्बों में नौजवान दिन-रात मेहनत करने को तैयार हैं, लेकिन रोजगार के अवसर नहीं हैं।
प्रियंका ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता अब झूठे वादों से तंग आ चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो युवाओं को नौकरी देकर पलायन रोक सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हजारों सरकारी पद खाली छोड़ दिए गए, जबकि बेरोजगारी हर साल बढ़ती जा रही है। सरकार ने रोजगार नहीं दिया, बस वादे किए और भाषणों में आंकड़े गिनाए।
कांग्रेस सांसद ने मंच से वादा किया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बिहार के युवाओं को रोजगार देने के लिए स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सत्ता की नहीं, सम्मान की है — बिहार के नौजवानों के भविष्य की है। कांग्रेस ऐसी नीतियां लाएगी जिससे हर जिले में रोजगार के अवसर पैदा हों और कोई युवा अपने घर छोड़ने पर मजबूर न हो।
प्रियंका गांधी ने युवाओं से अपील की कि वे बदलाव की राजनीति को अपनाएं और उस सरकार को चुनें जो रोजगार दे, न कि सिर्फ भाषण। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि बिहार के युवा अपने अधिकारों के लिए एकजुट हों और उस सिस्टम को बदलें जिसने सालों से उन्हें बेरोजगारी की आग में झोंक रखा है।
जनसभा में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। हजारों लोग प्रियंका गांधी को सुनने पहुंचे और उनके भाषण के दौरान “बदलाव चाहिए, रोजगार चाहिए” के नारे गूंज उठे। भीड़ में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी, जो बेरोजगारी और पलायन के दर्द से खुद को जुड़ा महसूस कर रहे थे। प्रियंका के संबोधन ने साफ कर दिया कि कांग्रेस इस चुनाव में युवाओं की आवाज़ बनकर मैदान में उतरी है और इस बार बिहार का असली मुद्दा रोजगार होगा, न कि सिर्फ राजनीति।

