पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है, और अब महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भी अपनी चुनावी तैयारियों का बिगुल बजा दिया है। सोमवार को पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने 15 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें सबसे बड़ा नाम उनके भाई संतोष साहनी का है। संतोष को दरभंगा की गौरा बौराम सीट से टिकट दिया गया है, और इसी के साथ बिहार की सियासत में इस फैसले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
वीआईपी की इस लिस्ट में कई नए चेहरों के साथ पुराने अनुभवी उम्मीदवारों को भी जगह दी गई है। पार्टी ने जातीय और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार तय किए हैं। प्रमुख नामों में आलमनगर से नवीन कुमार, कुशेश्वरस्थान से गणेश भारती सदा, दरभंगा से उमेश सहनी, औराई से भोगेन्द्र सहनी, बरुराज से राकेश कुमार, चैनपुर से प्रदेश अध्यक्ष बालगोविंद बिंद, लौरिया से रणकौशल प्रताप सिंह, सुगौली से शशिभूषण सिंह, केसरिया से वरुण विजय, सिकटी से हरिनारायण प्रमाणिक, कटिहार से सौरव कुमार अग्रवाल, बिहपुर से अर्पणा कुमारी मंडल, गोपालपुर से प्रेम सागर, और बाबूबरही से बिंदु गुलाब यादव शामिल हैं।
महागठबंधन में वीआईपी की सीटों का बंटवारा पहले से तय था, और यह सूची उसी समझौते के तहत जारी की गई है। पार्टी ने इस बार अपनी रणनीति को “स्थानीय प्रभाव” और “समाजिक प्रतिनिधित्व” के आधार पर तैयार किया है।
पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी हमेशा से ही निषाद समाज और पिछड़े वर्गों की राजनीति को केंद्र में रखकर अपनी पहचान बनाते आए हैं। अब उनके भाई संतोष साहनी का चुनावी मैदान में उतरना न सिर्फ परिवारिक भरोसे का संकेत है, बल्कि पार्टी के भीतर नए नेतृत्व की झलक भी दिखाता है।
बिहार की सियासत में वीआईपी का यह कदम आने वाले दिनों में कई समीकरणों को बदल सकता है — क्योंकि अब मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि प्रभाव और पहचान का भी है।

