एमपी विधानसभा में गूंजा VIT यूनिवर्सिटी का मामला: कांग्रेस ने की न्यायिक जांच और छात्रों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन VIT यूनिवर्सिटी का मामला जोरदार तरीके से उठा और सदन में माहौल गर्म हो गया। कांग्रेस विधायक दिनेश जैन ने यह मुद्दा ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाते हुए न्यायिक जांच की मांग की और छात्रों पर दर्ज किए गए केस वापस लेने की बात कही। इसी दौरान उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में जो हुआ वह छात्र हितों के खिलाफ है और इसकी गहराई से जांच होना बेहद जरूरी है।

इस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब देते हुए कहा कि इसमें दोमत नहीं कि मामला बेहद बड़ा और गंभीर है। यूनिवर्सिटी पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जा चुका है और पूरी जांच जारी है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद छात्रों को घर भेजा गया है, परिसर में हिंसा और तोड़फोड़ के कारण छुट्टी घोषित की गई थी और पुलिस बल को तुरंत मौके पर भेजा गया था।

मंत्री ने यह भी बताया कि कैंपस से दूषित पानी, दूध और भोजन की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके कारण कई छात्र बीमार पड़े। प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और कैंपस में स्थायी रूप से पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि 13 हजार छात्रों में से 2 से 3 हजार छात्रों ने विरोध किया था और इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई जरूर की जाएगी।

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आरोप लगाया कि धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया, यूनिवर्सिटी परिसर में फर्जी क्लीनिक चल रहा था और सीएमएचओ को अंदर जाने से रोका गया। उन्होंने कहा कि सरकार किसी समझौते के कारण कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है।

इस पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि विस्तृत रिपोर्ट सामने आ चुकी है, और मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर की योग्यता से लेकर बिल्डिंग की वैधता तक, सभी पहलुओं की जांच जारी है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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