जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित SC-ST-OBC सम्मेलन के दौरान अचानक भारी हंगामा खड़ा हो गया, जब सभा के बाहर लगे स्टॉल पर रखी संविधान की किताब फाड़े जाने की खबर फैल गई। देखते ही देखते माहौल गर्मा गया और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए।
कांग्रेस ने सीधे तौर पर विरोधी विचारधारा के लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह घटना कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि मनुवादी सोच का एक सोचा-समझा षड्यंत्र है।
कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने गंभीर आरोप लगाए कि कुछ असामाजिक तत्व सम्मेलन में घुसे और संविधान की किताब फाड़ दी। उनका कहना है कि यह सब संघी विचारधारा के लोगों ने प्रशासन की शह पर किया।
घनघोरिया का आरोप यह भी है कि कार्रवाई आरोपियों पर होने के बजाय—उल्टा बुक स्टॉल लगाने वाले से लाइसेंस पूछा जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब संविधान खरीदने-बेचने के लिए भी क्या लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी? यह पूरा मामला एक मैनिपुलेशन है और सरकार उन ताकतों को संरक्षण दे रही है, जो समाज के कमजोर वर्गों को लगातार हाशिए पर धकेलने की कोशिश कर रही हैं।

आपको बता दें कि सम्मेलन स्थल के बाहर संविधान की किताबें बेचने के लिए स्टॉल लगाया गया था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लोगों को शांत कराया और अब किताब फाड़ने वालों की पहचान में जुटी हुई है। मामला लगातार तूल पकड़ रहा है और राजनीतिक बयानबाज़ी भी गर्म होती जा रही है।

