प्रयागराज। कोडीन कफ सिरप तस्करी कांड के कथित मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल की याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है, जहां आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी कोर्ट में पक्ष रखेंगे।
यह मामला फरवरी 2025 में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज किया गया था, जिसकी जांच में एसटीएफ ने खुलासा किया कि फर्जी कंपनियों के जरिए कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर तस्करी की जा रही थी और इसमें वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल तथा आजमगढ़ निवासी विकास सिंह नर्वे की अहम भूमिका सामने आई थी।
जांच के दौरान यूपी एसटीएफ ने सहारनपुर से अभिषेक शर्मा और शुभम शर्मा को गिरफ्तार किया, जिनकी पूछताछ में 25 हजार रुपये के इनामी शुभम जायसवाल के पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ और आरोपियों ने बताया कि वे विशाल और विभोर राणा के लिए काम करते थे, जिनके शुभम जायसवाल से कारोबारी संबंध थे और तीनों मिलकर कोडीन कफ सिरप की तस्करी करते थे।
एसटीएफ की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी कानपुर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और लखनऊ समेत कई शहरों से फर्जी ई-वे बिल बनाकर सिरप को बंगाल सहित अन्य राज्यों में भेजते थे, जबकि विभोर और विशाल देश के कई हिस्सों में इसकी सप्लाई करते थे, इसी दौरान शुभम जायसवाल ने अपने पिता भोला जायसवाल के नाम पर रांची में एबॉट कंपनी की सुपर स्टॉकिस्टशिप हासिल कर ली और बाद में अपने पुराने साथियों से दूरी बना ली।
एसटीएफ के मुताबिक लाइसेंस और दस्तावेजों की आड़ में शुभम जायसवाल कफ सिरप की अवैध सप्लाई को कानूनी शिपमेंट की तरह दिखाता था और सुपर स्टॉकिस्ट बनने के बाद उसकी सप्लाई चेन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई थी, जबकि पूछताछ में यह भी सामने आया कि रांची से कई खेप सीधे यूपी और हरियाणा के रूट पर भेजी गई थीं।
इधर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने प्रतिबंधित कफ सिरप एसकफ और फेंसेडिल की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग का भी पर्दाफाश किया है, जहां सोनभद्र पुलिस के साथ मिलकर मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम में छापेमारी कर चार ट्रक, एक कार, 20 लाख रुपये नकद, दो लैपटॉप, दस मोबाइल फोन और फर्जी सिम व दस्तावेज बरामद किए गए तथा ट्रांसपोर्टर समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि भारत से प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी बांग्लादेश और अरब देशों तक की जाती थी, जिस पर एडिशनल सीपी अपराध एवं मुख्यालय केशव कुमार चौधरी ने बताया कि यह कार्रवाई पहले से चल रही जांच के आधार पर की गई है और पूरे नेटवर्क की गहराई से पड़ताल जारी है।

