लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर कल से राजधानी में सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा को देखते हुए विधानसभा भवन और आसपास के इलाकों को चार जोन में बांटा गया है। सुरक्षा व्यवस्था में छह कंपनी पीएसी, एटीएस की तीन विशेष कमांडो टीमें तैनात की गई हैं, जबकि एलआईयू, बीडीडीएस, एंटी-सैबोटाज टीम और डॉग स्क्वायड लगातार सक्रिय रहेंगे। ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए 14 निरीक्षक और 68 उपनिरीक्षक लगाए गए हैं, वहीं 700 से ज्यादा मुख्य आरक्षी और आरक्षियों की ड्यूटी लगाई गई है।
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा। सत्र की अवधि भले ही कम रखी गई हो, लेकिन एजेंडे में कई अहम विधायी काम शामिल हैं। संसदीय परंपरा के अनुसार सत्र की शुरुआत दिवंगत जनप्रतिनिधियों को श्रद्धांजलि देने के साथ होगी। माना जा रहा है कि योगी सरकार इस दौरान चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश कर सकती है, जिसे 22 दिसंबर को सदन के पटल पर लाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार इस सत्र में 10 से अधिक विधेयक पेश करने की तैयारी में है। सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास, आवास और बुनियादी सुविधाओं पर सरकार का खास फोकस रहने वाला है। पंचायत चुनाव से पहले हो रहा यह सत्र राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम माना जा रहा है। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है, वहीं बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं, महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सदन के भीतर तीखी बहस होने के आसार हैं।

